पं. मुकुटधर पांडेय साहित्य भवन समिति के सदस्यों ने सपरिवार किया वनभोज
कोरबा। साहित्य भवन समिति के वार्षिक कैलेण्डर के अनुरूप इस वर्ष भी वनभोज कार्यक्रम का आयोजन सतरेंगा में किया गया। कार्यक्रम का मुख्य आकर्षण बस में सभी साहित्यकारों का कोरबा से बालको होते हुए, गीत, गजल, संगीत में झूमते हुए सतरेंगा पहुंचना रहा।
साहित्यकारों ने अपने ईष्ट-मित्र, परिवारों के संग नौकाविहार का भरपूर आनंद लिया। सतरेंगा के विशाल जलराशि के संबंध में नाविकों से विचार विमर्श भी किया। यहां बढ़ती भीड़ और पर्यावरण के प्रति जागरूक न रहने से प्रदूषण बढ़ने लगा है। इस पर भास्कर चौधुरी और कृष्ण कुमार चन्द्रा शिक्षक ने चिंतन कर एक सफाई अभियान चलाने की बात कही। वनभोज के बाद गीत व संगीत के साथ ऐसा नृत्य किया कि आसपास के परिवार के लोग भी दर्शक बनकर झूम उठे। परिवार के सभी वर्गों के लिए विविध प्रकार के खेलकूद जैसे गेंद से गिलासों को गिराना, सुई में धागे पिरोना, मोमबत्ती जलाना और बुझाना, बैट से बाल उछालना शामिल रहे। खेलकूद, नृत्य और गीत-संगीत में विजयी प्रतिभागियों को समिति की ओर से पुरस्कृत किया गया। पुरस्कार पाने वालों में रजनी संतोष मिरी, पद्मप्रिया, वंदना जीतेन्द्र वर्मा, पुष्पा सांडिल्य, सुहानी साहू,रानी साहू, भास्कर चौधुरी, जयकुमार साहू, पीयूष दुबे, चंद्रेश आदि शामिल रहे। साहित्य भवन समिति के संरक्षक, गजलकार यूनुस दानियालपुरी और कोरबा प्रेस क्लब के संरक्षक कमलेश यादव ने अपने संबोधन के दौरान आशीर्वचन के साथ-साथ कार्यक्रम की खूब सराहना की। कार्यक्रम आयोजन में समिति के अध्यक्ष दिलीप अग्रवाल और सचिव कृष्ण कुमार चन्द्रा, पुष्पा शाडिल्य ने महती भूमिका अदा की। कार्यक्रम में सुकुल प्रसाद साहू, बलराम राठौर, इकबाल अंजान, अंजना दीपक सिंह ठाकुर, दरोगादास महंत, प्रमोद आदित्य, गीता विश्वकर्मा, रामकली कारे, डिकेश्वर साहू, लखनी साहू, जगदीश श्रीवास, वीणा ग्वाल, वीणा मिस्त्री, जीतेन्द्र वर्मा, रामरतन खांडेकर, उत्तरा चन्द्रा, शिव साहू, जयकुमार साहू, पीयूष दुबे, संतोषी श्रद्धा महंत, श्रावणी साहू, भास्कर चौधुरी, शुभ्रा चौधुरी, वन्दना वर्मा, गार्गी चटर्जी, ज्योति गबेल, प्रकाश चित्रकार, मुकेश, रानी साहू, सुहानी सोनी, अक्षत, उमंग, दक्ष के अलावा साहित्यकारों के परिवार के अन्य सदस्य भी उपस्थित रहे।