November 7, 2024

शहर से गांवों तक छेरछेरा… कोठी के धान ल हेरते हेरा की गूंज

0 धूमधाम के साथ मनाया अन्नदान का महापर्व छेरछेरा
कोरबा। अन्नदान का महापर्व छेरछेरा शुक्रवार को धूमधाम के साथ मनाया गया। छत्तीसगढ़ में नई फसल के खलिहान से घर आ जाने के बाद यह पर्व मनाए जाने की परंपरा है। इस दौरान लोग घर-घर जाकर अन्न का दान मांगते रहे।
पर्व को लेकर हफ्ते भर पहले ही गांव के युवक घर-घर जाकर डंडा नृत्य का प्रदर्शन करते रहे। बच्चों की टोली घर-घर जाकर छेरछेरा मांगती रही। छेरछेरा कोठी के धान ल हेरहेरा की गूंज सुनाई देती रही। पौष पूर्णिमा के अवसर पर मनाए जाने वाले इस पर्व के लिए लोगों में काफी उत्साह रहता है। लोक परंपरा के अनुसार पौष महीने की पूर्णिमा को प्रतिवर्ष छेरछेरा का त्योहार मनाया जाता है। इस दिन सुबह से ही बच्चे, युवक व युवतियां हाथ में झोला, टोकरी, बोरी आदि लेकर घर-घर छेरछेरा मांगते हैं। वहीं युवकों की टोलियां डंडा नृत्य कर घर-घर पहुंचती है। धान मिंजाई हो जाने के चलते गांव में घर-घर धान का भंडार होता है, जिसके चलते लोग छेरछेरा मांगने वालों को दान करते हैं। इन्हें हर घर से धान, चावल व नकद राशि मिलती है। इस दिन सभी घरों में विभिन्न प्रकार के व्यंजन बनाया गया। इसके अलावा छेरछेरा के दिन कई जगहों पर खीर और खिचड़ी का भंडारा रखा गया, जिसमें सैकड़ों लोगों ने प्रसाद ग्रहण कर पुण्य लाभ प्राप्त किया। अन्नपूर्णा देवी की पूजा की गई। इस दौरान मुर्रा, लाई और तिल के लड्डू समेत कई सामानों की जमकर बिक्री होती रही।
0 हरदीबाजार में ग्रामवासियों ने उत्साह से मनाया पर्व
छत्तीसगढ़ के पारंपरिक त्योहार छेरछेरा पर्व हरदीबाजार क्षेत्र में धूमधाम से मनाया गया। सुबह से बच्चे, सियान सहित युवकों ने घर-घर जाकर छेरछेरा मांगा। सभी ने खुशी-खुशी अन्न दान देकर छेरछेरा पर्व की शुभकामनाएं दी। कई जगह तो बाजा के साथ नाचते गाते छेरछेरा कहते हुए घर-घर जाकर छेरछेरा मांगा गया।

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