परीक्षार्थी दबाव में न रहें, परीक्षा से अपना विश्लेषण करें
0 कमला नेहरू महाविद्यालय में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के परीक्षा पे चर्चा कार्यक्रम का प्रसारण
कोरबा। कमला नेहरू महाविद्यालय में शुक्रवार को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के कार्यक्रम परीक्षा पे चर्चा का लाइव प्रसारण विद्यार्थियों को दिखाया गया। कार्यक्रम में पीएम मोदी ने परीक्षार्थियों को प्रोत्साहित करते हुए कहा कि बच्चे अपनी क्षमता को कम न आंके। समय प्रबंधन कर आत्म निरीक्षण करें। अपनी आकांक्षाओं को पूर्ण करने का प्रयास करें, जिससे वे सफलता अर्जित कर सकें। उन्होंने कहा कि परीक्षार्थी दबाव में न रहें, बल्कि परीक्षा से अपना विश्लेषण करें।
परीक्षा पे चर्चा कार्यक्रम के 6वें संस्करण में प्रधानमंत्री मोदी ने छात्र-छात्राओं, शिक्षकों व बच्चों के माता-पिता को महत्वपूर्ण मार्गदर्शन प्रदान किए। कमला नेहरू महाविद्यालय कोरबा के ई-कक्ष में प्राचार्य डॉ. प्रशांत बोपापुरकर की अध्यक्षता में प्राध्यापकों, राष्ट्रीय सेवा योजना स्वयंसेवकों व छात्र-छात्राओं ने मन की बात कार्यक्रम का सीधा प्रसारण देखा। प्रधानमंत्री ने कहा कि छात्र-छात्राओं के साथ संवाद में मेरी भी परीक्षा होती है इसमें मुझे आनंद आता है। कार्यक्रम में राष्ट्रीय सेवा योजना के जिला संगठक वाई.के. तिवारी, भूगोल विभाग के अध्यक्ष ए.के. मिश्रा, वानिकी विभाग के अध्यक्ष डॉ. सुनील तिवारी, अंग्रेजी विभाग के अध्यक्ष बृजेश तिवारी, राष्ट्रीय सेवा योजना कार्यक्रम अधिकारी जी.एम. उपाध्याय, सहायक प्राध्यापक राकेश कुमार गौतम, डॉ. कुणाल दास गुप्ता, वेदव्रत उपाध्यय, आशुतोष शर्मा आदि के अलावा राष्ट्रीय सेवा योजना के वरिष्ठ स्वयंसेवक जयप्रकाश पटेल, शास्वत शर्मा, कृष्म सिन्हा, घनश्याम शाह उपस्थित थे। कार्यक्रम के संयोजन में महाविद्यालय के कार्यालय सहायक दुर्गा शंकर पटेल का सराहनीय योगदान रहा।
0 नकल से जिंदगी नहीं बनती, मेहनत से जिंदगी में रंग भरें
पीएम मोदी ने कहा कि नकल से जिंदगी नहीं बन सकती बल्कि आपकी मेहनत आपकी जिंदगी में रंग भरेगी, आपके भीतर की शक्ति आपको आगे ले जाएगी, इसलिए अपने आप आने वाले कल पर फोकस करें। रुचि पूर्ण पढ़ाई के लिए आकर्षण पैदा करें तथा हार्ड वर्क एवं स्मार्ट वर्क को संतुलन में रखकर अपने अलौकिक गुणों को बाहर लाएंगे तो परीक्षा साहस तथा उत्सव बन जाएगा और उसमें उत्सव की गारंटी भी होगी। देश में सैकड़ों भाषाएं हैं, लाखों बोलियां हैं। दुनिया की सबसे प्राचीन भाषा तमिल है। हमें अपनी भाषा के विरासत पर गर्व करना चाहिए।