विद्यार्थियों ने विज्ञान के आकर्षक मॉडलों से व्यक्त की अपनी भावी योजनाएं
0 आईपीएस दीपका में विज्ञान प्रदर्शनी का आयोजन
0 छात्र-छात्राओं ने जाना दैनिक जीवन में विज्ञान का महत्व
कोरबा। दीपका स्थित इंडस पब्लिक स्कूल में विज्ञान प्रदर्शनी का आयोजन किया गया। मुख्य अतिथि के रूप में उपस्थित राजीव श्रीवास्तव टीआई पाली ने प्रदर्शनी का शुभारंभ किया। विद्यार्थियों को दैनिक जीवन में विज्ञान के लाभ एवं चमत्कारों से अवगत कराया गया। कक्षा चौथी से लेकर आठवीं तक के विद्यार्थियों ने विज्ञान के विभिन्न मॉडल बनाकर अपनी प्रतिभा का प्रदर्शन किया।
इंडस पब्लिक स्कूल में अध्ययनरत विद्यार्थियों को सोलर सिस्टम का चलित मॉडल दिखाया गया एवं उसकी कार्यविधि के बारे में बताया गया। कक्षा आठवीं के विद्यार्थियों ने डीएनए का भी मॉडल बनाया था। साथ ही बहुत ही आकर्षक स्मार्ट सिटी का भी मॉडल कक्षा 8वीं के विद्यार्थियों ने बनाया। इस स्मार्ट सिटी में लोगों की प्रत्येक सुविधओं के साथ-साथ स्वच्छता एवं विज्ञान का समावेश किया गया था। कक्षा 6वीं के विद्यार्थियों ने वाटर हार्वेस्टिंग सिस्टम बनाया, इसमें बताने का प्रयास किसा कि कैसे हम पानी को फिल्टर करके रियूज कर सकते हैं। कई विद्यार्थियों ने ऑटोमेटिक अलर्ट बेल बनाई और बताने का प्रयास किया कि कैसे हम अपने घर एवं सामानों की सुरक्षा सुनिश्चित कर सकते हैं। इस मॉडल के बारे में विद्यालय के शिक्षक-शिक्षिका अमरेन्द्र कुमार, विरेंद्र गुप्ता, प्रज्ञा शुक्ला, चिंचू जे, भगवती गवेल का विशेष सहयोग रहा। भगवती गवेल ने बच्चों का ज्ञानवर्धन किया। विद्यालय में विद्यार्थियों को रसायन विज्ञान, भौतिक विज्ञान, जीव विज्ञान, खगोल विज्ञान इत्यादि के बारे में गहराई से बताने का प्रयास किया गया।
विद्यालय में विज्ञान से संबंधित विभिन्न प्रकार की प्रतियोगिताओं का आयोजन किया गया। इनमें विज्ञान प्रश्नोत्तरी, विज्ञान पहेली एवं सर्वश्रेष्ठ स्वचालित मॉडल प्रतियोगिता आदि शामिल रहे। विद्यार्थियों ने सभी प्रतियोगिताओं का भरपूर आनंद लिया एवं अपना ज्ञानवर्धन किया। विज्ञान की विभिन्न स्वचालित मॉडल को देखकर बच्चों ने दैनिक जीवन में विज्ञान के महत्व को गहराई से समझने का प्रयास किया।
इस अवसर पर टीआई पाली राजीव श्रीवास्तव ने कहा कि यह विज्ञान का चमत्कार ही है कि आज मानव चांद पर भी अपना बसेरा बसाना चाहता है। यदि इंसान के बस में हो तो मृत व्यक्ति के भी शरीर में प्राण डाल दे। यही कार्य शेष रह गया है जहां विज्ञान आध्यात्मिकता के आगे नतमस्तक हो जाता है। कार्यक्रम में चिंचू जे, भगवती गवेल, विरेन्द्र गुप्ता, सव्यसाची सरकार, सोमा सरकार ने भी विद्यार्थियों को विज्ञान के लाभ से अवगत कराया।
विद्यालय के प्राचार्य डॉ. संजय गुप्ता ने कहा कि वेंकट रमन समुद्री यात्रा के दौरान समुद्र के नीले पानी को देखकर सोचने लगे थे कि पानी का रंग नीला ही क्यों है और यही से उनके प्रयोग का सिलसिला आरंभ हुआ। उन्होंने सन् 1930 में प्रकाश से संबंधित एक सफल एवं विश्व प्रसिद्ध प्रयोग किया जिसे रमन प्रभाव कहा गया। इसके लिए इन्हें नोबल पुरस्कार से सम्मानित किया गया। 28 फरवरी को हम इस महान वैज्ञानिक को सम्मान देने के लिए ही राष्ट्रीय विज्ञान दिवस मनाते हैं। अगर हममें जिज्ञासा है तो हम भी एक सफल वैज्ञानिक बन सकते हैं, क्योंकि विज्ञान का प्रथम नियम जिज्ञासा ही है जो निरंतर सफल एवं असफल प्रयोगों के आधार पर एक ठोस नतीजे पर पहुंचता है।