October 5, 2024

इंडस पब्लिक स्कूल के विद्यार्थियों ने जाना संविधान का महत्व

0 संविधान दिवस के उपलक्ष्य में आईपीएस दीपका में आयोजित हुए विविध कार्यक्रम
कोरबा।
दीपका स्थित इंडस पब्लिक स्कूल में संविधान दिवस के उपलक्ष्य में विभिन्न कार्यक्रमों का आयोजन किया गया। कार्यक्रम का प्रारंभ विद्यालय में विशेष आमंत्रित अतिथि कृष्ण कुमार सूर्यवंशी (सीजेएम कोरबा) एवं विक्रम प्रताप चंद्रा (एडीजे कोरबा) का विद्यालय की छात्राओं ने तिलक लगाकर एवं पुष्पगुच्छ देकर स्वागत किया। तत्पश्चात अतिथियों ने मां सरस्वती एवं बाबा साहब भीमराव अंबेडकर के तैल्यचित्र में दीप प्रज्ज्वलन कर कार्यक्रम का शुभारंभ किया। कक्षा 8वीं एवं 9वीं की छात्राओं ने स्वागत गीत व कक्षा 7वीं की छात्राओं ने नयनाभिराम शिव वंदना नृत्य की प्रस्तुति दी। कक्षा 5वीं, 6वीं एवं 7वीं में अध्ययनरत छात्रों ने ताईक्वांडो की ओजस्वी प्रस्तुति दी।
कक्षा 8वीं एवं 9वीं के छात्र-छात्राओं ने जागरूकता संविधान की विषय पर प्रेरक एवं रोचक नाटक की प्रस्तुति दी। इस नाटक के माध्यम से दर्शकों को संविधान की आवश्यकता एवं महत्त्व सेेेे परिचित करवाया गया। इस नाट्य प्रस्तुति में अध्यापक हेमलाल श्रीवास एवं योगेश शुक्ला का विशेष योगदान रहा। विभिन्न कक्षा स्तर में संविधान निर्माण विषय पर परिचर्चा का आयोजन किया गया। माध्यमिक एवं उच्चतर स्तर तक के विद्यार्थियों के मध्य संविधान निर्माण एवं इसकी आवश्यकता विषय पर प्रश्नोत्तरी प्रतियोगिता का आयोजन किया गया तथा प्राथमिक स्तर तक के विद्यार्थियों को विभिन्न रोचक प्रश्नों के माध्यम से संविधान की आवश्यकता एवं महत्व से परिचित कराया गया। कार्यक्रम में विभिन्न प्रतियोगिताओं एवं एटिविटीज में भाग लेने वाले विद्यार्थियों को मुख्य अतिथियों ने प्रमाण-पत्र प्रदान किया।

मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट कृष्ण कुमार सूर्यवंशी ने कहा कि हमें हमेशा कानून को पालन करना चाहिए। संविधान निर्माण में बाबा साहेब भीमराव अंबेडकर का महत्वपूर्ण योगदान रहा। आज का दिन बाबा साहेब भीमराव अंबेडकर सहित संविधान निर्मात्री सभी के प्रत्येक सदस्यों को नमन करने का दिन है। उन्होंने विद्यार्थियों का मोटर व्हीकल एक्ट, बाल अपराध, घरेलू हिंसा इत्यादि के बारे में जानकारी दी। उन्होंने बताया कि कानून या नियम कायदे की आवश्यकता हमें हर स्थान पर होती है। हमें कानून की जानकारी अवश्य होनी चाहिए। हम सब संविधान के प्रति सम्मान, आदर तथा उसमें कथित आदर्शों के प्रति सदैव प्रतिबद्धता रखें।

एडीजे विक्रम प्रताप चंद्रा ने कहा कि भारतीय संविधान के अनुच्छेद एक महासागर की भांति जिसमें भारतीयों, भारतीयता की एकरूपता की पहचान होती है। हम एक जिम्मेदार नागरिक होने के नाते हमे हमेशा संविधान को सम्मान देना चाहिए एवं कानून का पालन करना चाहिए। उन्होंने बच्चों के विभिन्न सवालों का जवाब देकर उनकी जिज्ञासाओं को शांत करने का प्रयास किया। उन्होंने सरल शब्दों एवं कई उदाहरणों से कानून एवं मूल तथा मौलिक अधिकारों को समझाने का प्रयास किया। उन्होंने कहा कि यदि हमें कानून की जानकारी है तो हम सदा अपने कर्तव्यों एवं अपने अधिकारों की रक्षा कर सकते हैं।
विद्यालय के प्राचार्य डॉ. संजय गुप्ता ने कहा कि किसी भी राष्ट्र की आत्मा उसका संविधान होता है। हमें गर्व है कि हमारा संविधान विश्व का सबसे वृहद लिखित संविधान है। इस गौरवशाली संविधान को निर्माण करने में 2 वर्ष, 11 माह और 18 दिन लगे। यह कार्य 26 नवंबर 1949 को पूरा हुआ। 26 जनवरी 1950 को भारत गणराज्य का यह संविधान लागू हुआ। आपको यह जानकर गर्व महसूस होगा कि संविधान की असली प्रतियां हिंदी और इंगलिश दो भाषाओं में लिखी गई थी। इन्हें आज भी भारत की संसद में हीलियम भरे डिब्बों में सुरक्षित रखा गया है। हमारा संविधान 25 भागों, 470 अनुच्छेदों और 12 सूचियों में बटा दुनिया का सबसे लिखित संविधान है। संविधान निर्माण में बाबा साहेब भीमराव अंबेडकर का महत्वपूर्ण योगदान रहा। भारत की आजादी के बाद कांग्रेस सरकार ने डॉ. भीमराव अंबेडकर को भारत के प्रथम कानून मंत्री के रूप में सेवा करने का निमंत्रण दिया। उन्हें 29 अगस्त को संविधान की प्रारूप समिति का अध्यक्ष बनाया गया। वह भारतीय संविधान के मुख्य वास्तुकार थे और उन्हें मजबूत और एकजुट भारत के लिए जाना जाता है।
कार्यक्रम में विद्यालय की शिक्षिका सोमा सरकार (शैक्षणिक प्रभारी, प्री-प्रायमरी) एवं सव्यसाची सरकार (शैक्षणिक प्रभारी उच्च एवं उच्चतर माध्यमिक स्तर) के साथ ही साथ संगीत शिक्षक राजू कौशिक, नृत्य प्रशिक्षक हरि सारथी, रुमकी हलधर, यामिनी सिंह, दीक्षा शर्मा का विशेष सहयोग रहा।

Spread the word