November 7, 2024

देखरेख के अभाव में बदहाली की आंसू बहा रहा ईरफ का गौठान

0 सरपंच-सचिव की निष्क्रियता के कारण बना शो पीस
0 शासन की महत्वाकांक्षी योजना गौठान का बुरा हाल

कोरबा (पाली)।
छत्तीसगढ़ भूपेश सरकार की महत्वकांक्षी योजनाओं में से एक नरवा गरवा घुरवा बाड़ी के तहत ग्राम पंचायत ईरफ में बनाया गया गौठान सरपंच-सचिव के निष्क्रियता के कारण शो पीस बनकर रह गई है। लाखों की लागत से गौठान तो बनाए गए हैं, लेकिन देखरेख के अभाव में यहां का गौठान आज अपनी बदहाली पर आंसू बहा रहा है। पंचायत ने लाखों रुपये खर्च कर इस गौठान का निर्माण तो कर दिया है, लेकिन गौ की जगह भैंस यहां देखने को मिल रहे। इस गौठान में रखे गए गोबर सूख रहे हैं। रखरखाव के अभाव में शेड टूट फूट रहे हैं। गोबर से वर्मी कंपोस्ट तैयार करने की विधि भी सरकारी सिस्टम का माखौल उड़ा रहा है। इस कारण से इस गौठान का हाल बेहाल हो चुका है।

उल्लेखनीय है कि गौठानों की देखरेख के लिए बकायदा सरपंच-सचिव के अलावा समूह और जनपद के अधिकारी-कर्मचारियों को भी जिम्मा सौंपा गया है, लेकिन आलम यह है कि ईरफ के गौठान में अब तक एक बार भी मवेशी नहीं पहुंच पाए हैं। इसके पीछे वजह यह है कि इस गौठान में गौ के लिए किसी प्रकार की सुविधा का न होना है। यहां सही मायने पर पानी की व्यवस्था नहीं है, साथ ही अब तक कई निर्माण भी अधूरे पड़े हैं।

शासन की गौठान योजना के तहत किसानों के पशुओं को गौठानों में रखकर उनकी देखभाल के साथ गोबर बेचकर समूह की महिलाओं को रोजगार मिलने के साथ अच्छी आय हो सके, लेकिन सरपंच सरोज कुमार धनवार व सचिव इंदिरा कैवर्त की लापरवाही और अधिकारियों की अनदेखी से ईरफ का गौठान उपेक्षा की बाट जोह रहा है। पशुओं के अभाव में यहां का गौठान सुनसान पड़ा है। ग्रामीणों का कहना है कि सरकार ने महत्वकांक्षी योजना बताकर लाखों रुपये खर्च कर ग्राम में गौठान तो बना लिया, लेकिन यहां किसी तरह की कोई व्यवस्था नहीं की गई। गौठान बनाने के नाम पर अधिकारी और जनप्रतिनिधियों ने केवल जनता के पैसों का दुरुपयोग किया है।

गौरतलब है कि गौठान के जरिए पूरे गांव से गोबर कलेक्शन कर वर्मी कंपोस्ट तैयार करने के बाद इसकी पैकेजिंग कर इसे कृषि विभाग को बिक्री करने की योजना भी शुरू की गई है, लेकिन ईरफ के गौठान में मवेशी नहीं होने से गोबर बिक्री भी नहीं हो पा रही है। इसका कोई फायदा अंदरूनी क्षेत्र के ग्रामीणों को मिलता नहीं दिख रहा है। हालांकि जिले के संवेदनशील कलेक्टर संजीव झा गौठानों के काम जल्द से जल्द पूरा करने के निर्देश सभी जनपद के अधिकारियों को दिये हैं। कलेक्टर की मंशा है कि गौठानों में ग्रामीण महिलाओं को रोजगार उपलब्ध हो सके और पानी की सुविधा से हरी सब्जी, मशरूम उत्पादन जैसे अनेक कार्य कर सकें इसके लिए भी ट्रेनिंग दी जा रही है। जहां भी गौठानों में अव्यवस्था की शिकायत मिल रही है वहां व्यवस्था सुधारने के लिए कहा जा रहा है, किन्तु ईरफ सरपंच-सचिव शासन की योजना को ठेंगा दिखा जिला प्रशासन के निर्देशों की धज्जियां उड़ा रहे हैं।

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