खम्हरिया में चल रहा एसईसीएल का बुलडोजर
0 पड़निया के भूविस्थापितों को शिफ्ट करने की कवायद
कोरबा। लगभग 4 दशक पहले खम्हरिया में एसईसीएल ओर से अर्जित की गई 200 एकड़ जमीन का उपयोग हर हाल में कंपनी करेगी। यहां पर पाली पड़निया के विस्थापितों को शिफ्ट करना है। मौके पर कई लोगों ने अवैध रूप से मकान बना लिए हैं। इन्हें तोड़ने की कार्रवाई प्रशासन द्वारा की जानी है।
बताया गया कि हाईकोर्ट ने अंतिम रूप से एसईसीएल के लिए अर्जित की गई जमीन को खाली कराने का निर्देश प्रशासन को दिया है। उक्तानुसार इस दिशा में अगली कार्रवाई की जा रही है। वर्ष 1981-82 पूर्ववर्ती मध्यप्रदेश के समय एसईसीएल कुसमुंडा क्षेत्र ने खम्हरिया की जमीन ली थी। बाद के वर्षों में व्यवसायिक और अन्य प्रयोजन इसके पीछे शामिल थे। हाल के वर्षों में कुसमुंडा परियोजना के विस्तार को पर्यावरणीय स्वीकृति केन्द्र से मिली है। उक्तानुसार कोयला के उपलब्ध भंडार का खनन नए क्षेत्र से करने के लिए वहां तक खदान बढ़ाई जाएगी। इसी इरादे से पाली पड़निया गांव को विस्थापित करने की तैयारी बहुत पहले कर ली गई है। इसकी शिफ्टिंग खम्हरिया में की जानी है, जबकि विस्थापित किये जाने वाले मामलों में मुआवजा देने की कार्रवाई हो चुकी है और रोजगार के लिए नामांकन की प्रक्रिया में शामिल है। खबर के अनुसार एसईसीएल खम्हरिया की जमीन लेने के लिए बड़ी राशि का भुगतान सरकार को पहले ही कर चुकी है। इसी जमीन को खाली कराने के साथ विस्थापित लोगों को शिफ्ट किया जाएगा। बताया जा रहा है कि बीते वर्षों में आसपास के लोगों ने एसईसीएल की जमीन पर अवैध कब्जा कर मकान बना लिया है। संबंधितों को इस बारे में जानकारी दी गई है और हटने कहा गया है। अन्यथा की स्थिति में उन्हें हटाया जाएगा। पुलिस के एक अधिकारी ने बताया कि मामले को लेकर लगातार बैठकें हो रही है। चूंकि हाईकोर्ट ने खुद इस पर नोटिस लिया है और जल्द कार्रवाई करने को कहा है, इसलिए मामला अनावश्यक विलंबित नहीं हो सकता।