भक्ति हो तो ध्रुव व प्रहलाद जैसी : पंडित सचिन
-सुखदेव कैवर्त
कोरबा (बरपाली)। मनुष्य को ऐसी भक्ति करनी चाहिए जैसे भक्त ध्रुव एवं प्रहलाद ने प्रभु नारायण के लिए किया था। उसका प्रतिफल श्रीनारायण अपना ध्रुव स्थान दे दिया जो सबसे ऊंचा है। जो आज भी ध्रुव तारा के रूप में दिखाई देता है। वहीं प्रहलाद को उसके पिता हिरण्यकश्यप को नरसिंह अवतार धारण कर उसका संहार कर प्रहलाद का अपना स्थान गण बनाया।
उक्त उदगार भगवताचार्य पंडित सचिन तिवारी ने ग्राम बरपाली में केवट परिवार सुखदेव कैवर्त के आवास पर आयोजित पितृ मोक्षांगत एवं मृत आत्मा कल्याण के लिए आयोजित संगीतमय श्रीमद् भागवत महापुराण कथा ज्ञान यज्ञ सप्ताह के तीसरे दिवस के कथा कहते हुए व्यक्त किए। उन्होंने कहा कि चाहे कुछ भी कहें धर्म को, अधर्म कापने लगता है। कुछ दिन अधर्म चल सकता है। धर्म के आगे ज्यादा दिन नहीं चल सकता। श्रीमद् भागवत महापुराण सुनने वाले का कभी अहित नहीं होता। कितने भी पाप किया हो श्रीमद् भागवत महापुराण सुनने से सभी पाप धुल जाते हैं और मनुष्य को मुक्ति मिल जाती है। मनुष्य को ही इस तरह प्रभु की कथा सुनने, कहने का पृथ्वी में सौभाग्य मिला है, अन्य जीव को नहीं। पंडित तिवारी ने आज की कथा में अजामील गज और ग्रह समुद्र मंथन आदि का विस्तार से सुनाया। उन्होंने आज के दिवस को विशेष योग बताते हुए कहा कि श्रीमद् भागवत महापुराण कथा ज्ञान यज्ञ सप्ताह ऐसे समय चल रहा है, जो सर्वार्थ योग है। पितृ अमावस्या से शुरू हुआ है, दूसरे दिवस ही गुप्त नवरात्रि प्रारंभ हो गया है एवं तीसरे दिवस ही भगवान जगन्नाथ बलभद्र बहन सुभद्रा की रथ यात्रा चल रहा है। मंगलवार श्रीहनुमान की तिथि ऐसे दुर्लभ संयोग होता है। श्रीमद् भागवत महापुराण कथा सुनने बड़ी संख्या में श्रोता उपस्थित हो रहे हैं।