जिले में पुरुष नसबंदी को बढ़ावा देने की कवायद
0 किया जा रहा जागरूक, भ्रांति दूर करने हो रहे आयोजन
कोरबा। अक्सर नसबंदी को महिलाओं के हिस्से की जिम्मेदारी मान ली जाती है, लेकिन अब नसबंदी कराने वाले पुरुषों की संख्या लगातार बढ़ती जा रही है। एक्सपर्ट भी कहते है कि परिवार नियोजन के स्थाई साधन के रूप में महिला नसबंदी की अपेक्षा पुरुष नसबंदी अत्यधिक सरल और सुरक्षित है। जिले में भी पुरुष नसबंदी को बढ़ावा देने की कवायद हो रही है। इसके लिए पुरुषों को जागरूक करने के साथ भ्रांतियों को दूर किया जा रहा है।
देशभर में केंद्र सरकार और राज्य सरकार की ढेर सारी योजनाएं है। जिसके तहत जरूरतमंदों की मदद की जाती है। छत्तीसगढ़ में पुरुषों को नसबंदी कराने के लिए 3 हजार रुपये दिया जा रहा है।इसके अलावा किसी प्रकार से पुरुष को नुकसान होता है या जान जाती है तो इसके लिए मुआवजे की निर्धारित किया गया है, लेकिन पुरुषों के नसबंदी के लिए पात्रता भी निर्धारित की गई है। इसके अनुसार नसबंदी के लिए पुरुष विवाहित होना चाहिए, उसकी आयु 60 वर्ष या उससे कम हो और दंपति के पास कम से कम एक बच्चा हो जिसकी उम्र एक वर्ष से अधिक हो।पति या पत्नी में से किसी एक की ही नसबंदी होती है। पुरुष नसबंदी को लेकर कुछ भ्रांतियां हैं। कोरबा बीएमओ डॉ दीपक राज ने बताया कि कुछ लोगों का यह मानना है कि पुरुष नसबंदी से शारीरिक कमजोरी आती है। यह बिल्कुल गलत धारणा है, महिला नसबंदी की तुलना में पुरुष नसबंदी अधिक सरल व सुरक्षित है। पुरुष नसबंदी चंद मिनट में होने वाली एक आसान प्रक्रिया है। यह 99.9 फीसदी प्रभावी है. नसबंदी के तीन माह बाद वीर्य की जांच की जाती है। जांच में शुक्राणु शून्य पाए जाने की दशा में ही नसबंदी को सफल माना जाता है। पुरुष नसबंदी जन्म दर को रोकने का एक स्थायी, प्रभावी और सुविधाजनक उपाय है। यह यौन जीवन को बेहतर बनाता है और गर्भ ठहरने की मानसिक चिंता को दूर करता है। पुरुष नसबंदी एक सामान्य प्रक्रिया है। जो शासकीय चिकित्सालयों में फ्री में की जाती है। नसबंदी करवाने पर पुरुष को 3 हजार रुपये दिया जाता है, जो उसके बैंक खाते में जमा होता है। कोई अशासकीय सेवक, मितानिन, एएनएम या आंगनबाड़ी कार्यकर्ता यदि पुरुष नसबंदी के लिए प्रेरक की भूमिका निभाते हैं तो उन्हें भी 400 रुपये देने का प्रावधान है।