November 22, 2024

मौखिक आश्वासन के बावजूद भू-विस्थापितों को किया जा रहा गुमराह

0 एनटीपीसी प्रबंधन लिखित में नहीं दे रहा नियुक्ति पत्र, विभिन्न मांगों को लेकर भू-विस्थापितों की हड़ताल जारी
कोरबा।
एनटीपीसी कोरबा प्रबंधन के खिलाफ भू-विस्थापितों ने 24 जुलाई 2023 को एनटीपीसी कोरबा के गेट पर ताला लगाकर उग्र आंदोलन व सांकेतिक प्रदर्शन किया था। इस दौरान दर्री तहसीलदार व एनटीपीसी प्रबंधन की ओर से मौखिक रूप से आश्वासन दिया गया था। इसके बाद भी भू-विस्थापितों को गुमराह किया जा रहा है। लिखित में नियुक्ति पत्र नहीं दिया जा रहा है और उन्हें ट्रेनिंग सेंटर सिपेट भेजा रहा है। वहीं एनटीपीसी प्रबंधन ने सीपत के 33 भू-विस्थापितों को अपने ट्रेनिंग सेंटर में ही ट्रेनिंग कराया था। भू-विस्थापितों ने कहा कि राज्यपाल के आदेशों का भी पालन नहीं किया जा रहा है ।
ग्राम चारपारा के भू-विस्थापित नौकरी, मुआवजा व बचे जमीन की क्षतिपूर्ति राशि के अलावा बसाहट की मांग को लेकर तानसेन चौक आईटीआई रामपुर के समीप 98 दिन से अनिश्चितकालीन हड़ताल में बैठे हैं। आठ भू-विस्थापितों के परिवार के सदस्य राजन कुमार पटेल, गणेश कुमार केंवट, घसियाराम केंवट, सुरज कुमार केंवट, रामायण प्रसाद केंवट, मथुरा राम केंवट, दयालिक विश्वकर्मा व शुभम केंवट तानसेन चौक आईटीआई रामपुर में धरना प्रदर्शन कर रहे हैं। विस्थापितों का कहना है कि एनटीपीसी कोरबा ने सन् 1978-79 में ग्राम चारपारा, गेरवा, दर्रीखार, नगोईखार, टांगामार, गांवों की जमीन 2000 मेगावाट विद्युत ताप परियोजना के लिए अधिग्रहण किया था। इसमें ग्राम चारपारा गेरवा संपूर्ण भू-विस्थापित ग्राम है। जमीन अधिग्रहण के एवज में 4 सितंबर 1979 में लिखित आम सूचना जारी किया गया था और आम सूचना 4 सितंबर 1979, 22 जनवरी 1981 व 12 फरवरी 1987 में जारी किया गया है और एनटीपीसी के द्वारा नौकरी के लिए 10 अक्टूबर 1983 में 40 लोगों की सूची निकाला गया, परन्तु एनटीपीसी प्रबंधन व राज नेताओं ने विश्वासघात कर लैटर को दबा दिया। भू-विस्थापितों के 300 परिवार में से मात्र 38 परिवार के सदस्यों को एनटीपीसी कोरबा में नौकरी दी गई है। इसमें 14 लोगों को सहकारी समिति ठेका कार्य दिया गया और 248 शेष परिवार के सदस्यों को प्लांट का विस्तार करने के बाद भी नौकरी प्रदान नहीं किया गया है। एनटीपीसी प्रबंधक द्वारा न्यायालय भू-अर्जन अधिकारी द्वारा ग्राम चारपारा एवं अन्य चार गांवों के प्रत्येक लोगों को नौकरी प्रदान किया जायेगा लिखा गया है और जैसे-जैसे प्लांट का विस्तार बढ़ता जायेगा वैसे-वैसे आप लोगों को नौकरी प्रदान किया जायेगा लिखा गया था। ग्राम चारपारा के भू-विस्थापितों ने राष्ट्र के विकास के लिए अपनी खेती योग्य भूमि एवं आवासीय भुमि प्रदान की है। बिलासपुर भू-अर्जन अधिकारी द्वारा दो प्रकरण में 1640 एकड़ एवं 47.32 एकड़ भूमि का मुआवजा प्रदान किया गया है। इसके पश्चात बची शेष भूमि न्यायालय भू-अर्जन अधिकारी कोरबा द्वारा 10 प्रकरण का अवार्ड जारी किया गया था, जो कि ग्राम चारपारा की 950 एकड़ भूमि से अधिक है और आज दिनांक तक मुआवजा नहीं दिया गया है। भू-विस्थापितों का कहना है कि ग्राम चारपारा के भू-विस्थापितों को एनटीपीसी प्रबंधन के द्वारा शोषण किया जा रहा है। जब तक उनकी मांग पूरी नहीं होगी तब तक हड़ताल जारी रहेगा।

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