रेलवे स्टेशनों के आधुनिकीकरण का ऐतिहासिक स्वप्न साकार : नूर आरबी
कोरबा। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व वाली केंद्र सरकार ने अमृत भारत स्टेशन योजना के तहत छत्तीसगढ़ के चयनित 7 रेलवे स्टेशन के आधुनिकीकरण के कार्यों की शुरुआत की है। इस महत्वाकांक्षी योजना के पूर्ण होने पर ये सभी रेलवे स्टेशन अब एयरपोर्ट जैसे दर्शनीय और सुविधा संपन्न होंगे। छत्तीसगढ़ के सात रेलवे स्टेशन का इस आधुनिकीकरण के लिए चयन प्रदेश के लिए ऐतिहासिक और बहुप्रतीक्षित स्वप्न का साकार होना है।
भारतीय जनता पार्टी की प्रदेश इकाई ने इस अवसर पर गरिमापूर्ण और भव्य समारोहपूर्वक सभी सात स्टेशनों में आयोजन रखा। अमृत भारत स्टेशन योजना के तहत छत्तीसगढ़ के रायपुर, बिलासपुर, दुर्ग, भिलाई, महासमुंद, तिल्दा और अकलतरा के रेलवे स्टेशन को कुल 1460 करोड़ रुपये खर्च कर केंद्र की सरकार अत्याधुनिक सुविधाओं से परिपूर्ण करने जा रही है। इस योजना के तहत रायपुर स्टेशन को 470 करोड़ रुपये, बिलासपुर स्टेशन को 465 करोड़, दुर्ग स्टेशन को 455 करोड़, भिलाई स्टेशन को 26.2 करोड़, महासमुंद स्टेशन को 15.9 करोड़, तिल्दा स्टेशन को 13.8 करोड़ और अकलतरा स्टेशन को 13.7 करोड़ रुपये की सौगात दी गई है।
उक्त संबंध में भाजपा अल्प संख्यक प्रकोष्ठ जिला सह संयोजक न्याज नूर आरबी ने कहा कि 25 हजार करोड़ रुपये से भी अधिक की राशि से देशभर के 508 रेल्वे स्टेशनों के पुनर्विकास के कार्य का शिलान्यास प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के हाथों से हुआ है। छत्तीसगढ़ के 7 रेलवे स्टेशन भी इसमें शामिल हैं। इनके साथ ही पेंड्रारोड, उस्लापुर और बाराद्वार भी 17 सौ करोड़ रुपये की लागत से अत्याधुनिक रेलवे स्टेशन बनेंगे। इस उपलब्धि के लिए छत्तीसगढ़ प्रदेश की ओर से प्रधानमंत्री मोदी और रेल मंत्री वैष्णव के प्रति कृतज्ञता ज्ञापित करता है। आरबी ने कहा कि भारत ने दुनिया में तेजी से आगे बढ़ने का सिलसिला प्रारंभ किया है। भारत कभी विश्वगुरु कहा जाता था, सोने की चिड़िया कहलाता था, लेकिन धीरे-धीरे दुनिया में भारत की साख को कम करने का काम हुआ। आज मोदी के प्रधानमंत्रित्व में भारत की स्वीकार्यता बढ़ी है, दुनिया में फिर से मान-सम्मान बढ़ा है। आज दुनिया को यह एक स्वर से कह रही है कि 21वीं सदी भारत की सदी है। उनका कहना है कि सबसे ज्यादा राजस्व देने वाला कोरबा रेलवे स्टेशन भी इस योजना के अंतर्गत शामिल किया गया है, जो कि स्थानीय सांसद की उदासीनता के कारण प्रथम चरण में ही उन्नत होने में कोरबा रेलवे स्टेशन शामिल नहीं हो पाया, जिसकी कसक कोरबा के आमजन में देखने को मिल रही है।