कुसमुंडा-कोरबा मार्ग : अधूरे फोरलेन निर्माण ने बढ़ाई परेशानी
कोरबा। जिला का पश्चिम क्षेत्र जिसे कोयलांचल क्षेत्र भी कहा जाता है। इसकी आबादी लगभग बीस लाख है। इस क्षेत्र में निवासरत अधिकतर लोग कोयला खदानों में कार्यरत हैं। कोयलांचल में आने वाले क्षेत्र गेवरा, दीपका, कुसमुंडा और बांकीमोंगरा हैं। इनको जिला मुख्यालय से जोड़ने वाली एकमात्र सड़क कुसमुंडा-कोरबा मार्ग है, जिसकी हालात अभी बद से बदतर है।
यहां निवासरत श्रमिक संगठन के पदाधिकारी, राजनैतिक दल के नेता, व्यापारी संगठन और मीडिया के लोगों ने सड़क जीर्णोधार, नई सड़क निर्माण की मांग करते हुए धरना प्रदर्शन और चक्काजाम किए। इसके बाद सन 2020 में एसईसीएल के सहयोग से कुचेना मोड़ से सर्वमंगला चौक तक फोरलेन सड़क निर्माण की जिम्मेदारी ली गई। विडंबना यह है कि दो वर्ष बीत जाने के बाद भी सड़क निर्माण कार्य अधूरा ही है। मार्ग पर गड्ढों से जाम के साथ-साथ दुर्घटना आम बात हो गई है। भारी वाहनों के अत्यधिक दबाव के कारण धूल डस्ट का गुबार उड़ रहा है। खामियाजा दो पहिया और हल्के वाहन चालकों को अपनी जान गवां कर उठाना पड़ रहा है। पिछले दो वर्ष में कई लोगों की जान भी जा चुकी है।