अधिवक्ताओं के कलमबंद हड़ताल से कामकाज ठप, नारेबाजी कर मुख्यमंत्री का जलाया पुतला
कोरबा। प्रदेश सरकार के खिलाफ अधिवक्ताओं की नाराजगी बढ़ती जा रही है। एडवोकेट प्रोटेक्शन एक्ट, सामूहिक बीमा और मृत्यु दावा राशि में बढ़ोतरी की मांग को लेकर कोरबा जिले के हजारों अधिवक्ताओं ने सोमवार को कलमबंद हड़ताल का आह्वान किया था। जिला अधिवक्ता संघ कोरबा के आह्वान पर कोरबा जिले के सभी सिविल, क्रिमिनल, परिवार न्यायालय, राजस्व न्यायालयों में कामकाज पूरी तरह से बंद रहा। अधिवक्ताओं ने जिला न्यायालय परिसर कोरबा से रैली निकालकर तानसेन चौक कोरबा में मुख्यमंत्री का पुतला दहन किया।
संपूर्ण छत्तीसगढ़ में 4 सितंबर को तीन सूत्रीय मांगों को लेकर कलमबंद हड़ताल का असर देखने को मिला। कांग्रेस सरकार ने अपने चुनावी घोषणा पत्र में अधिवक्ताओं की मांग को पूरा करने का वादा किया था, लेकिन आज तक पूरा नहीं किया गया। सरकार की वादाखिलाफी के विरोध में सभी वकील लामबंद होकर आंदोलन कर रहे हैं। अधिवक्ता संघ के पदाधिकारियों ने कलमबंद हड़ताल से आम नागरिकों को हुई परेशानी के लिए राज्य सरकार को दोषी ठहराया। मुख्यमंत्री भूपेश बघेल के खिलाफ जमकर नारेबाजी की गई तथा विरोध प्रदर्शन करते हुए पुतला दहन किया।
विरोध प्रदर्शन में जिला अधिवक्ता संघ कोरबा के अधिवक्ता संजय जायसवाल, सचिव नूतनसिंह ठाकुर, उपाध्यक्ष उत्तरा राठौर, कोषाध्यक्ष अमरनाथ कौशिक, सहसचिव किरणभान शांडिल्य, रवि भगत, कमलेश श्रीवास, क्रांति श्रीवास, पूर्व अध्यक्ष गोपी कौशिक, सीके शर्मा, गणेश कुलदीप, बीके शुक्ल, अशोक तिवारी, सुरेन्द्र पुरोहित, पीएनएस यादव, अब्दुल रहमान, आरएन राठौर, रमन साहू, रजनीश निषाद, सुधीर निगम, शिवनारायण सोनी, रामायण जांगड़े, श्यामल मलिक, रवि शर्मा, मोहन सोनी, राजेंद्र साहू, रघुनंदन सिंह, निर्मल किरण, सुमन तिवारी, अनिता चाको, अरुण सिंह, सुरेश सिंह, मनोज अग्रवाल, हेमलाल साहू, महेंद्र चंदेल, राम किशोर शर्मा, दीपक दुबे, अनिल सक्सेना, दुष्यंत शर्मा, सुरेश पटेल, छतराम साहू, श्रीराम श्रीवास सहित सैंकड़ों अधिवक्ता मौजूद रहे।