ग्रामीण क्षेत्रों में बिजली की आंख मिचौली से ग्रामीण त्रस्त
0 पाली, पोड़ी-उपरोड़ा और कटघोरा ब्लॉक में रूला रही बिजली
कोरबा। छत्तीसगढ़ का कोरबा जिला ऊर्जानगरी के नाम से जाना जाता है। कोरबा की उत्पादित बिजली से छत्तीसगढ़ राज्य ही नहीं अपितु मध्य प्रदेश, झारखंड, ओडिशा, महाराष्ट्र, गुजरात भी रोशन है, लेकिन कोरबा जिला ही बिजली की समस्या से सबसे ज्यादा जूझ रहा है। जिले के कटघोरा, पोड़ी-उपरोडा सहित पाली ब्लॉक सबसे ज्यादा प्रभावित है। यहां आए दिन किसी भी समय चाहे दिन हो या रात, एक दिन कई बार बिजली बंद हो रही है। इससे उपभोक्ता खासे परेशान हैं।
लोग कहते हैं कि राज्य सरकार बिजली बिल हाफ करने की बात करती है, लेकिन विभाग बिजली ही आधा देने लगी है। अघोषित बिजली कटौती और बार-बार मेंटनेंस के नाम पर बिजली गुल रहने पर कटघोरा, सुतर्रा, लखनपुर, रामपुर, तानाखार, सहित वनांचल क्षेत्रों में अघोषित बिजली कटौती और लो वोल्टेज की समस्या से सबसे ज्यादा हैं। शहरी व ग्रामीण क्षेत्रों में निवासरत लोगों का कहना है कि पिछले कई महीने से बिजली की आंख मिचौली से वे परेशान व त्रस्त हो गए हैं। उनका कहना है कि राज्य में बिजली सरप्लस है। उसके बाद भी स्थिति बदतर हो चली है। जिला कृषि व वनांचल बाहुल्य क्षेत्र है। पिछले कई वर्ष से वनांचल क्षेत्रों के कृषक गांवों को छोड़कर मुख्य मार्ग के किनारे घर बनाकर रहने लगे हैं। लाइन बंद होने से जहरीले सर्प, बिच्छू का डर हमेशा बना रहता है। वहीं बारिश के थमते ही उमसभरी गर्मी से लोग त्रस्त है। इस संबंध में स्थानीय बिजली विभाग के अधिकारियों को फोन लगाने पर फोन रिसीव नहीं किया जाता या फिर कार्यालय से संपर्क करने पर एक ही रटा रटाया जवाब मिलता है कि ऊपर से लाइन बंद है। वहीं दूसरी ओर लोकल स्तर पर गावं में लाइन को सुधारने में दो से तीन दिन का समय लग जाता है। क्षेत्रों में स्टाफ की समस्या भी बनी हुई है। बिजली विभाग की लापरवाही का नतीजा आम लोगों को भुगतना पड़ रहा है। लोगों में बिजली विभाग के अधिकारियों के खिलाफ जमकर आक्रोश देखने को मिल रहा है।