डीजे संचालकों में भड़कने लगा आक्रोश, आंदोलन का बना रहे मन
कोरबा। गणेश विसर्जन के दौरान हुई घटना के बाद पुलिस प्रशासन ने डीजे संचालकों पर लगाम कसना शुरू कर दिया है। उन्हें थाने में तलब कर सवाल जवाब किए जा रहे हैं। डीजे को जब्त कराने दबाव बनाया जा रहा है, जिससे डीजे संचालक आक्रोशित हैं। वे समस्या का निराकरण करने अफसरों से मुलाकात करेंगे। यदि बात नहीं बनी तो आंदोलन का रूख अख्तियार कर सकते हैं।
जिले में करीब 350 ऐसे परिवार हैं, जिनका जीविकोपार्जन डीजे संचालन से होता है। वे विभिन्न कार्यक्रमों में डीजे के साथ-साथ लाइट डेकोरेशन का कार्य करते हैं। बीते दिनों गणेश विसर्जन के दौरान हुई चाकूबाजी में एक नाबालिक की मौत हो गई। घटना के बाद पुलिस व प्रशासन ने डीजे संचालकों पर कार्रवाई शुरू कर दी है। अपनी रोजी-रोटी पर असर पड़ते देख डीजे संचालक तनाव में हैं। इस मसले को लेकर टीपी नगर स्थित सामुदायिक भवन में रविवार को बैठक आयोजित की गई थी। बैठक में उपस्थित डीजे संचालकों ने अपनी समस्या का हल निकालने विभिन्न बिंदुओं पर चर्चा की। बैठक में मौजूद डीजे संचालक ने बताया कि उसे फोन कर दर्री थाना तलब किया गया था। उस पर घर में रखे डीजे को जब्ती बनवाने लगातार दबाव बनाया जा रहा है, जबकि उससे कोई गलती भी नहीं हुई है। डीजे एवं लाइट डेकोरेशन संघ के जिला अध्यक्ष श्याम सिंह का कहना है कि जिले में 300 से 350 डीजे संचालक हैं। इनमें कई ऐसे हैं जो खेत बेचकर अथवा किसी अन्य तरह से रकम की व्यवस्था कर व्यवसाय कर रहे हैं। बीते कुछ दिनों से पुलिस व प्रशासन कार्रवाई कर रही है। हमें पुलिस व प्रशासन की कार्रवाई से कोई एतराज नहीं है। यदि कोई नियम का उल्लंघन करता है तो बिल्कुल कार्रवाई की जाए, लेकिन बैठक में साथियों से पता चला कि उन्हें फोन कर थाना तलब किया जा रहा है। उन पर डीजे को जब्ती करवाने दबाव बनाया जा रहा है। हमने निगम आयुक्त को एक पत्र लिखा है, ताकि हमें नियमों की पूरी जानकारी उपलब्ध कराई जाए। हालांकि उनसे अभी चर्चा नहीं हुई है। हम पहले भी पुलिस और प्रशासन के साथ थे, आगे भी हम साथ रहेंगे। बैठक में मौजूद डीजे संचालकों ने प्रशासन से गुहार के बाद भी समस्या का हल नहीं निकलने पर आंदोलन की राह अख्तियार करने की बात कही है।