कर्मियों का ए वन ग्रेड समाप्त करने हो रहा मंथन
0 वेतन समझौता विवाद को निपटाने की हो रही कवायद
कोरबा। कोयला कर्मियों के 11वां वेतनमान के बाद उपजे विवाद को निपटाने उच्च न्यायालय ने डीपीई को निर्देश दिया है। वहीं कोल इंडिया ने डीपीई को इस समस्या पर उचित निर्णय लेने पत्र लिख दिया है। अब गेंद डीपीई के पाले हैं, पर जानकारों का कहना है कि डीपीई के लिए यह मामला निपटाना काफी चुनौतीपूर्ण होगा। अधिकारी व कर्मचारी दोनों अपनी-अपनी बात पर अड़े हैं और दोनों नहीं चाहते हैं कि किसी तरह उनके वेतनमान पर असर पड़े। ऐसे में विकल्प की तलाश हो रही है।
कोयला कर्मियों को भले ही 11वां वेतनमान का मामला निपटाने डीपीई के साथ ही प्रबंधन ने श्रमिक संघ प्रतिनिधियों के साथ मंथन शुरू कर दिया है। सीनियर कर्मचारियों से अधिकारियों का वेतन कम होने पर आपत्ति जताई गई है। इससे निपटने सीनियर कर्मियों का ए वन ग्रेड समाप्त करने की योजना पर मंथन किया जा रहा है। बताया जा रहा है कि कुछ संगठन ने इस पर सहमति जताई है, पर कुछ संगठन ने प्रबंधन के इस प्रस्ताव को खारिज कर दिया। एसईसीएल समेत कोल इंडिया की अन्य संबंद्ध में कंपनी में कार्यरत 2.35 लाख कर्मचारियों को जून 2023 से 11वां वेतनमान का लाभ मिलने लगा है। जुलाई 2021 से लागू इस समझौता के तहत कर्मियों को 23 माह का एरियर भी भुगतान किया जा चुका है। मामला उस वक्त अटक गया, जब अधिकारियों ने सीनियर कर्मचारियों का वेतनमान, ई-थ्री ग्रेड के अधिकारियों से अधिक होने व डिपार्टमेंट ऑफ पब्लिक इंटरप्राइजेस (डीपीई) की गाइड लाइन का पालन नहीं करने का तर्क देते हुए जबलपुर मध्य प्रदेश, बिलासपुर छत्तीसगढ़ व दिल्ली उच्च न्यायालय में याचिका दायर कर दिया। मामले में जबलपुर उच्च न्यायालय ने कोयला मंत्रालय द्वारा दी गई स्वीकृति को खारिज करते हुए डीपीई को 60 दिन के भीतर निर्णय लेने का आदेश दिया था। हालांकि इस आदेश के विरूद्ध डबल बेंच में कोल इंडिया व श्रमिक संगठन हिंद मजदूर सभा (एचएमएस) द्वारा अपील की गई और स्टे मिल गया। इसके साथ ही कर्मियों को बढ़े हुए दर पर वेतन भुगतान किया जा रहा है। समस्या का समाधान अभी नहीं हो सका है। न्यायालय में मामला विचाराधीन है और डीपीई भी इस समस्या का निपटाने जुट गया है। बताया जा रहा है कि दो दिन पहले कोयला प्रबंधन व श्रमिक संघ प्रतिनिधियों की बैठक आयोजित की गई है। इस बैठक में दोनों पक्ष ने समस्या का समाधान करने मंथन किया। कोयला क्षेत्र से जुड़े जानकारों का कहना है कि बैठक में सीनियर कर्मचारियों का ग्रेड वन समाप्त करने का प्रस्ताव रखा गया। इसमें कहा गया कि इस पद को पहले समाप्त कर दिया जाए, फिर बाद में अधिकारियों के ई- वन ग्रेड में मर्ज कर दिया जाए, ताकि वेतन विवाद की स्थिति निर्मित न हो। प्रबंधन के इस प्रस्ताव पर कुछ संगठन ने सहमति जता दी, पर कुछ नाराज होते हुए एक सिरे से खारिज कर दिए।
0 मिल रही सुविधाओं पर कटौती संभव
कोयला क्षेत्र से जुड़े जानकारों का कहना है कि यदि सीनियर कर्मचारी को अधिकारी के ई-वन ग्रेड में मर्ज किया जाता है, तो कई प्रकार की समस्याएं आएंगी। इसमें बोनस नहीं मिलने के साथ ही कर्मचारी स्तर पर मिलने वाली कई प्रकार के भत्ता व सुविधाएं बंद हो जाएगी। इससे उन्हें काफी नुकसान झेलना पड़ेगा। वहीं अधिकारियों को मिलने वाली सुविधाओं से भी उन्हें वंचित होना पड़ेगा। यही वजह है कि श्रमिक संघ प्रतिनिधि इसका विरोध कर रहे हैं।