चुनावी मंहगाई बढ़ी, प्रत्याशी खर्च कर सकेंगे 40 लाख
कोरबा। महंगाई से जहां आम जनता ही प्रभावित नहीं है, बल्कि इस बार चुनाव खर्चों पर भी महंगाई का असर देखने को मिलेगा। चुनाव आइटम के दाम बढ़ गए हैं, जिसे देखते हुए निर्वाचन आयोग ने चुनावी सामग्री की दर भी निर्धारित कर दी है। साथ ही हर प्रत्याशी के लिए अधिकतम खर्च सीमा भी तय हो चुकी है। ऐसे में महंगाई के कारण असर पड़ने का अनुमान है।
आगामी चुनाव में प्रत्याशियों के होने वाले खर्च की सीमा चुनाव आयोग ने तय कर दिया है। प्रत्येक प्रत्याशी 40 लाख खर्च कर सकता है। इसके साथ ही सामानों की भी कीमत निर्धारित कर दी गई है। महंगाई के चलते खाने-पानी की वस्तु समेत प्रचार में उपयोग होने वाली सामाग्री के दाम में वृद्धि की गई है। इसके आधार पर राशि की गणना की जाएगी। फ्लेक्स की कीमत बढ़ने से प्रत्याशी के लिए परेशानी बढ़ गई है, इससे काफी राशि फ्लेक्स छपाने में खर्च हो जाएगी। वहीं बैनर पोस्टर में भी इजाफा होने से शहर में कम नजर आएंगे। चुनाव आयोग ने वर्ष 2013 के चुनाव में 13 लाख तथा वर्ष 2018 के चुनाव में 28 लाख खर्च करने की छूट दी थी, पर इस बार इसमें वृद्धि करते हुए 40 लाख रुपये निर्धारित कर दिया है। राशि खर्च होने के बाद तीन बार प्रत्याशियों को आय-व्यय का ब्यौरा निर्वाचन शाखा के समक्ष प्रस्तुत करना होगा। प्रत्याशियों के किए जाने वाले खर्च पर निगरानी करने के लिए निर्वाचन अधिकारी ने टीम गठित कर दी है। साथ ही राजनीतिक दलों को इसकी जानकारी भी दी है। खर्च की राशि बढ़ाए जाने से राजनीतिक दलों के समर्थक भी चिंता मुक्त हो चुके हैं कि उन्हें सीमित खर्च करने में कई बार दिक्कत होती थी, पर अब राशि बढ़ जाने से किसी तरह की दिक्कत नहीं होगी। हालांकि यह राशि मतदान तक खर्च करना है और चुनाव परिणाम तक अंतिम खर्च का ब्यौरा प्रस्तुत करना होगा। चुनाव प्रचार में लगने वाली सामाग्री के साथ ही खाने-पीने का सामान, फूल माला, कुर्सी, वाहन, हेलीकाप्टर, एयर स्ट्रीप, ढोल नगाड़े, लाउडस्पीकर समेत सभी प्रकार के सामान के दाम तय कर राजनीतिक पार्टी को सूची सौंप दी गई है।