प्रचार में निकलते ही लखन को घेर लेते हैं लोग, लौटना पड़ता है उल्टे पांव वापस
0 लोगों के सवालों का जवाब नहीं दे पाते भाजपा प्रत्याशी
कोरबा। कोरबा विधानसभा की हाई प्रोफाइल सीट पर भाजपा ने लखनलाल देवांगन को कांग्रेस के जयसिंह जैसे कद्दावर नेता के सामने मैदान में तो उतारा है, लेकिन अब इनका प्रचार में निकलना मुश्किल हो गया है। लखन 2013 से 2018 तक कटघोरा विधायक रहे, 2018 में चुनाव हार गए। अब सीट बदलकर उन्हें कोरबा भेज दिया गया है, लेकिन उनके पास बताने के लिए कुछ है ही नहीं, हालात यह है कि वह प्रचार में निकलते हैं तो लोगों उन्हें घेर लेते हैं। सवाल पूछते हैं और निरुत्तर लखन लाल को उल्टे पांव वापस लौटना पड़ता है। ऐसी कई घटनाएं उनके साथ हो चुकी है।
इनमें एक वीडियो इन दोनों वायरल हो रहा है। यह कोरबा विधानसभा क्षेत्र में प्रचार पर निकले लखन और नाराज कुछ लोगों के बीच हुए विवाद की है, जिसमें एक युवक लखन से हाथ जोड़कर पूछ रहा है कि आप प्रचार में निकले हैं, मैं 2 मिनट आपसे बात करना चाहता हूं। वह युवक को रोकने का प्रयास करते हैं, लेकिन यह युवक किसी की नहीं सुनता और कहता है कि लखन हमारे प्रत्याशी हैं, जनता से मिलने के लिए ही तो वह प्रचार कर रहे हैं न, तो मुझसे बात करने में इन्हें कोई दिक्कत नहीं होनी चाहिए। वीडियो में युवक लखन से कह रहा है कि 15 साल बीजेपी का शासन रहा। आपने कुछ नहीं किया। 5 साल में कांग्रेस के सरकार ने शिक्षा, चिकित्सा के क्षेत्र में खूब काम किया। सड़के बना दी सबका विकास किया और आप वोट मांगने आ गए हो। 5 साल तक आप कहां थे। अचानक क्यों वोट मांग रहे हो? किसी तरह वह हिम्मत जुटाकर, अपने महापौर के कार्यकाल की याद दिलाते हुए कहते हैं कि सड़क मैंने बनवाई थी। उन्हें फिर प्रति उत्तर मिलता है कि सड़क तो जयसिंह अग्रवाल के कार्यकाल में बनी है। आपने तो महापौर रहते गरीबों का ठेला उठा दिया था। जिस ठेले से गरीबों का पेट पलता था।
इतने में लखन के कार्यकर्ता झल्ला जाते हैं। सवाल पूछने वाले युवक से लखन के समर्थक भाजपाइयों में नोंकझोंंक की नौबत आ जाती है। लेकिन 15 साल में भाजपा के सरकार ने क्या किया? विकास के क्या काम हुए? लखन ने क्या किया और पिछले साल वह कहां गायब थे? इस सवाल का जवाब भाजपाई नहीं दे पाए। वह सिर्फ कांग्रेस सरकार की आलोचना करते हैं।
भाजपा ने काम क्या किया? इस बात का जवाब उनके पास नहीं रहता। लखन युवक के सवालों का जवाब नहीं दे पा रहे हैं, उनके समर्थक लोगों से उलझते हुए नजर आ रहे हैं। अंतत: सभी वापस लौटने में ही अपनी भलाई समझे।
0 सिर्फ एक नहीं ऐसी कई घटनाएं आई सामने
चुनाव में नेताओं का जनता के बीच जाना उनकी मजबूरी है। चुनाव जैसे-जैसे करीब आ रहा है प्रचार और बढ़ रहा है। नए-नए तरीके भी अपनाये जा रहे हैं। ऐसे में प्रत्याशी लोगों से न जुड़े तो उन्हें वोट देगा कौन? जनता के बीच सक्रिय रहने की मजबूरी है। लखन से सवाल जवाब का यह एक वीडियो बानगी भर है। उनके साथ ऐसी ही कई घटनाएं हो रही हैं। जब लोग उन्हें घेर कर सवाल पूछ लेते हैं और वह निरुत्तर रह जाते हैं। बताने के लिए कुछ होना भी तो चाहिए, शहर का विकास कैसे करेंगे? इसके विजन का खाका जब दिमाग में होगा तभी तो वह जनता के सवालों का जवाब दे पाएंगे। उनके पास बोलने को कुछ होता नहीं, ऐसे में अपमान का घूंट सह कर प्रचार के लिए वह आगे बढ़ जाते हैं। दरअसल लखन एक हारे हुए प्रत्याशी हैं। गाहे-ब-गाहे उनसे लोग पूछ लेते हैं कि कटघोरा में क्यों चुनाव हार गए? कोरबा में क्यों आना पड़ा? लखन इसका जवाब दे ही नहीं पाते। ऐसे कई सवाल हैं, जो आम लोग चुनाव प्रचार के दौरान लखन से पूछ लेते हैं। लखन के साथ उनके समर्थक भी तिलमिला उठते हैं। वह नोकझोंक और बहसबाजी पर उतारू हो जाते हैं और लोग इसका मजा लेते रहते हैं। मानो जैसे लखन का चुनाव प्रचार लोगों के मुफ्त में मनोरंजन का नया साधन बन गया हो।