अलग-अलग झुंड में विचरण कर रहे 59 हाथी, ग्रामीणों के साथ वन अमला की बढ़ी टेंशन
कोरबा। प्रभावित क्षेत्रों में हाथियों की दहशत ग्रामीणों में है। आलम यह है कि ठिठुरती रात में लोगों को अपनी जान बचाने जागकर रात गुजारनी पड़ रही है। वन अमला भी पूरी रात हाथियों की निगरानी में लगा हुआ है। भारी संख्या में हाथियों की मौजूदगी ने ग्रामीणों के साथ-साथ वन अधिकारियों की टेंशन बढ़ा दी है।
कटघोरा वनमंडल के केंदई रेंज में 59 हाथी अब अलग-अलग चार झुंड में बंट गए हैं, वहीं दंतैल हाथी इस झुंड से अलग मोरगा के जंगल में घूम रहा है। वन अमले को हाथियों की निगरानी में परेशानी हो रही है। मुनादी कराकर ग्रामीणों को जंगल जाने से मना किया गया है। गांव में हाथियों के प्रवेश के डर से ग्रामीण रतजगा करने मजबूर हैं। केंदई रेंज में पहुंचे 59 हाथियों का दल अब चार झुंड में बंट गया है। इसी रेंज की सीमा कोईलारगडरा, लालपुर, घुंचापुर, सलाईगोट, परला के आसपास के जंगल में हाथियों का विचरण है। ग्रामीणों को सबसे अधिक खतरा दंतैल हाथी से है, जो झुंड से अलग घूम रहा है। बुधवार को मोरगा के जंगल में दंतैल हाथी को देखा गया। केंदई रेंज के हाथी प्रभावित गांवों में मुनादी करा दी गई है। ग्रामीणों को जंगल जाने से मना किया गया है। वनांचल में ठंड बढ़ गई है। इससे रतजगा कर रहे ग्रामीणों की परेशानी बढ़ गई है। हाथियों के झुंड में होने से वन अमले को निगरानी में परेशानी नहीं हो रही है। बुधवार को सिमकेंदा के जंगल में हाथियों का विचरण रहा, जिसके श्यांग की ओर बढ़ने पर आसपास गांवों के प्रभावित ग्रामीणों को सतर्क कर दिया गया है। धान की कटाई के बाद फसल को किसानों ने खलिहान में रखा है, इससे हाथी गांव में प्रवेश न करें इसके लिए ग्रामीण रतजगा कर रहे हैं।