आलू-प्याज बेचने खाद्य व औषधि प्रशासन से लेना होगा लाइसेंस
कोरबा। आलू-प्याज बेचने वालों को भी अब अनिवार्य रूप से लाइसेंस लेना होगा। खाद्य एवं औषधि प्रशासन से लाइसेंस लेना अनिवार्य होगा, वहीं रिटेल काउंटरों को रजिस्ट्रेशन करवाना होगा। जागरूकता अभियान के बाद सघन जांच की योजना पर प्रशासन ने काम करना चालू कर दिया है।
आलू, प्याज और लहसुन की मांग पूरे साल रहता है। कोल्ड स्टोर तक तो सही लेकिन बाजार पहुंचने के बाद जैसी लापरवाही परिवहन, भंडारण और विक्रय में दिखाई जा रही है, उससे गुणवत्ता पर प्रतिकूल प्रभाव पड़ने की जानकारियां खाद्य एवं औषधि प्रशासन तक पहुंचने लगी है। फौरी तौर पर की गई जांच में शिकायतें सही मिली हैं, इसलिए अब इस क्षेत्र पर भी नियमों के परिपालन को लेकर कड़ाई बरतने की तैयारी खाद्य एवं औषधि प्रशासन ने चालू कर दी है। उत्पादक क्षेत्र के बाद कोल्ड स्टोर। यहां पहले से फूड एंड सेफ्टी लाइसेंस का लिया जाना अनिवार्य किया जा चुका है। अब वह कारोबारी भी अनिवार्यता के घेरे में आ चुके हैं, जो होलसेल बिजनेस करते हैं। यानि थोक कारोबारियों को भी लाइसेंस बनवाना होगा। इस अनिवार्यता के बाद ही इन्हें कारोबार करने की अनुमति होगी। भंडार कक्ष में काम करने वाले श्रमिक को हेड कैप, मास्क, ग्लब्स और शूज देना होगा। अस्वच्छ वायु की निकासी के लिए एग्जॉस्ट का लगाया जाना अनिवार्य है। आग से बचाव के लिए फायर फाइटर की भी उपस्थिति अनिवार्य होगी। तीसरी और अंतिम कड़ी होती हैं चिल्हर दुकानें। थोक की अपेक्षा लापरवाही थोड़ी कम होती है लेकिन यहां से भी शिकायतें मिल रही हैं। अब प्रशासन ने इन्हें भी रजिस्ट्रेशन की अनिवार्यता से बांध दिया है। सघन या औचक जांच में यह अनिवार्यता नहीं मिली, तो विधि सम्मत कार्रवाई की जाएगी। आलू, प्याज और लहसुन के खुदरा कारोबारी को काउंटर की नियमित सफाई करनी होगी। ग्रेडिंग के दौरान निकले अपशिष्ट का प्रबंधन भारतीय खाद्य सुरक्षा एवं मानक प्राधिकरण के नियमों के अनुसार करना होगा। संस्थान के आसपास सफाई का ध्यान अहम होगा।