पिकनिक स्थलों में बढ़ी भीड़, सुरक्षा के पर्याप्त इंतजाम नहीं
0 सतर्क और सुरक्षित रहें
कोरबा। ठंड के मौसम के चलते इन दिनों पिकनिक स्थलों में लोगों की भीड़ बढ़ गई है। जिले के सभी पिकनिक स्पॉट हफ्ते के सातों दिन गुलजार नजर आ रहे हैं। अधिकांश पिकनिक स्थलों में चारों ओर जितनी सुंदरता रहती है, उतने ही खतरे भी होते हैं। पिकनिक स्थलों में सुरक्षा के भी पर्याप्त इंतजाम नहीं रहते। ऐसे में इन जगहों पर सावधान रहना ही सुरक्षित रहता है। पिकनिक स्पॉट में जाएं जरूर, लेकिन संभलकर कदम उठाएं।
पिकनिक स्थलों की चट्टान बाहर से चमकता हुआ दिखाई देता है तो यह देखने वालों को बरबस ही अपनी ओर खींच लेता है। पानी की धार से तराशे गए इन चट्टानों में सूरज निकलने से लेकर सूरज के डूबने तक चमक ही नहीं होती, नुकीले और धारदार चट्टान कई स्थान पर किसी को काटने, खरोंच पहुंचाने से लेकर उन्हें अपनी गुफानुमा जगहों में कैद करने की क्षमता भी रखती है। बेशक यह नजारे पिकनिक स्पॉट में कई है, जो जिले के अलग-अलग क्षेत्र में है और अपनी खूबसूरती तथा मनोरम दृश्य के लिए सभी को अपनी ओर आकर्षित करती है। पर्यटन और सैर सपाटे के इस मौसम में मनोरम दृश्य हमें मजबूर करते हैं कि हम भी मस्ती और मनोरंजन के लिए परिवार तथा दोस्तों के साथ इन जगहों में जाएं। चूल्हा बनाकर आग जलाएं, पसंद का खाना बनाए और आसपास के खूबसूरत सा नजारों को देखकर हमेशा के लिए अपनी यादगार तस्वीर कैमरों में कैद करें। मस्ती और मनोरंजन की यह ख्वाहिश यादगार लम्हों में तब तक कैद होती है, जब तक हम ऐसे स्थानों पर सुरक्षित जाएं और सुरक्षित लौट आएं, वर्ना जरा सी असावधानी और लापरवाही हमें कभी न भूल पाने वाली वह गम दे जाती है, जो किसी के मस्ती और मनोरंजन के समय बिल्कुल भी नहीं होना चाहिए। कुछ ऐसा ही हादसा जिले के पिकनिक स्थलों पर पिछले सालों में घटित हो चुके हैं। ऐसे हादसों के वक्त डरना, सहमना लाजमी है और सूझबूझ के साथ कोई उपाय भी दिमाग में नहीं आ पाता। इस हादसे की सूचना पर अलर्ट हुई प्रशासन और पुलिस, नगर सेना, एसडीआरएफ तथा ग्रामीण रेस्क्यू कर पूरी कोशिश करते हैं, मगर तब तक अक्सर देर हो जाया करती है। इस तरह के हादसे आगे न हो इस दिशा में सतर्क होना भी जरूरी है।