November 23, 2024

यूनिसेफ के साथ मिलकर एनएसएस ने बाल अधिकार पर बच्चों को किया जागरूक

कोरबा। यूनिसेफ छत्तीसगढ़ व उच्च शिक्षा विभाग छत्तीसगढ़ शासन के द्वारा बाल अधिकार पर स्कूल और गांव में जागरूकता अभियान चलाया। यूनिसेफ के सुरक्षित पारा, सुरक्षित लईकामन थीम को लेकर 15 व 16 दिसंबर को विभिन्न कार्यक्रमों का अयोजन किया गया। इसके लिए शाईवीपीजी कॉलेज अटल बिहारी वाजपेयी विश्विद्यालय बिलासपुर की एनएसएस वालंटियर संस्था है।
प्राचार्य डॉ. साधना खरे के संरक्षण व जिला संगठक रासेयो डॉ. वायके तिवारी के मार्गदर्शन में ग्राम संपर्क अभियान चलाया गया। इसमें सहभागिता करने वाले बच्चों, युवाओं और आम नागरिक को बाल अधिकारों के प्रति प्रेरित किया जा रहा है। ग्राम संपर्क अभियान का मार्गदर्शन एवं पथप्रदर्शन कार्यक्रम अधिकारी अजय कुमार पटेल व मधु कंवर ने स्वयंसेवकों के साथ किया। ग्राम भुलसीडीह के शासकीय प्राथमिक शाला एवं आंगनबाड़ी केंद्र, बुंदेली के पूर्व माध्यमिक शाला, आंगनबाड़ी केंद्र, पंचायत में गोष्ठी व शासकीय हाई स्कूल बुंदेली, गोढ़ी के हायर सेकेंडरी स्कूल, पंचायत जैसे चयनित ग्रामों के विभिन्न स्थानों में जागरूकता गतिविधियों का प्रदर्शन किया गया। जिनमें नुक्कड़ नाटक, खेल, रैली, संवाद, ग्रुप डिस्कशन, प्रश्नोत्तरी, कहानी, नारा, सर्वे, अभिनय जैसे अनेक जागरूकता गतिविधियां शामिल रहीं। उक्त ग्राम संपर्क अभियान का निरीक्षण दुर्गाशंकर नायक स्टेट कंसल्टेंट छत्तीसगढ़ राज्य, डेनियल सिल्वा यूनिसेफ छत्तीसगढ़, प्रथमेश डिस्ट्रिक्ट कोऑर्डिनेटर कोरबा के द्वारा किया गया। नुक्कड़ नाटक एवं खेल प्रस्तुत करने वाले वालंटियर सुषमा बंजारे, अदिति जांगड़े, निशा मिश्रा, सिधुं सिंह नेताम, अंजू, वर्षा नेताम, कंचन कश्यप, तारा जाटवर, लोमश कश्प, पुरुषोत्तम कुमार, टिकेंद्र कुमार, रविन्द्र राठिया, सत्येंद्र कुमार, गणेश राठिया, राजेश कुमार, पवन कुमार, प्रतीक मंडल थे। कार्यक्रम को सफल बनाने में एस.एल. यादव, बुंदेली, शासकीय प्राथमिक शाला प्रधानपाठक, विनोद निराला, प्रधानपाठक पूर्व माध्यमिक बुंदेली, अनिता ओहारी प्राचार्य शासकीय हाईस्कूल बुंदेली, धनीराम भगत प्रधानपाठक प्राथमिक शाला भुलसीडीह, ग्राम सरपंच सुखमत बाई कंवर, सचिव सुरेश कुमार धारी, जागरू बाई आंगनबाड़ी सहायिका, जितेंद्र साहू कार्यक्रम अधिकारी शासकीय उच्चतर माध्यमिक विद्यालय गोढ़ी का सराहनीय एवं महत्वपूर्ण योगदान रहा।
0 ये 4 अधिकार बच्चों के लिए हैं प्रमुख
कार्यक्रम में 18 वर्ष तक के बच्चों को मुख्यत: उनके 4 अधिकार के बारे में बताया गया। इसमें जीवन जीने का अधिकार, विकास का अधिकार, सुरक्षा का अधिकार एवं सहभागिता का अधिकार शामिल है। इसके अतिरिक्त लड़का-लड़की में समानता, भेदभाव न करना, उचित पोषण के साथ लड़का एवं लड़की में यौन हिंसा पर भी चर्चा हुई। साथ ही बच्चों को चाइल्ड हेल्पलाइन नम्बर 1098 तथा आपातकालीन महिला सुरक्षा, पुलिस सुरक्षा, चुप्पी तोड़ें, खुलकर बोलें 181 नंबर इत्यादि के बारे में बच्चों को बताया गया।

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