November 7, 2024

ऑटो रिक्शा की संख्या में लगातार हो रही वृद्धि पर नहीं बना स्टैंड

0 वैकल्पिक स्टैंड से चलाया जा रहा है काम
कोरबा।
शहर की सड़कों में ऑटो रिक्शा की संख्या में लगातार वृद्धि हो रही है। आवश्यकतानुसार स्टैंड के अभाव के कारण फुटपाथ में वाहन चालकों का अतिक्रमण बढ़ने लगा है। रेलवे स्टेशन, साकेत भवन के सामने, पुराना व नया बस स्टैंड सहित शहर के तीस स्थानों में वैकल्पिक स्टैंड से काम चलाया जा रहा है। स्थाई रूप से स्टैंड नहीं बनाए जाने से कहीं भी वाहन को खड़ा किया जा रहा। किराया दर चस्पा नहीं किए जाने से यात्रियों व चालकों के बीच विवाद की स्थिति बनी रहती है।
सिटी बस की शहर में सुविधा बंद होने के बाद ऑटो रिक्शा की संख्या में लगातार वृद्धि हुई है। वर्तमान में लगभग 3 हजार से जायदा ऑटो और 450 ई-रिक्शा चल रहे। स्टैंड के अभाव में चालकों ने अपनी मर्जी से स्टापेज बना लिए हैं। बिलासपुर-कटघोरा मार्ग से शहर आने वाले यात्रियों को घंटाघर, कोसाबाड़ी, रजगामार, बालको की ओर जाने के लिए सीएसईबी चौक में ऑटो की आवश्यकता होती है। यहां भी सवारी के लिए एक साथ आठ से दस ऑटो चालक अपनी वाहन को खड़ा कर देते हैं। स्थल संकरा होने के कारण बस आने के दौरान जाम की स्थिति निर्मित हो जाती है। यात्रियों की सुविधा के लिए अप्पू गार्डन के पास स्टापेज बनाया गया है, लेकिन सवारी पाने की होड़ में ऑटो चालक अपना वाहन सीएसईबी चौक के पास सड़क में खड़ा कर रहे हैं। इस तरह की समस्या कोसाबाड़ी चौक, सुभाष चौक में भी देखी जा सकती है। इसी तरह कोरबा-चांपा के बीच चलने वाली बस ट्रांसपोर्ट नगर नया बस स्टैंड से पहले मोड़ पर खड़ी हो जाती है। इससे अन्य वाहन चालकों के लिए सड़क तंग हो जाती है। ऑटो चालकों का कहना है कि स्टैंड की स्थाई व्यवस्था नहीं होने के कारण ऑटो चालकों को परेशान होना पड़ रहा हैं।
0 यातायात पुलिस और निगम है जिम्मेदार
इसके लिए परिवहन व यातायात पुलिस जिम्मेदार है। व्यस्त ट्रैफिक को देखते हुए शहर में ऑटो रिक्शा के लिए कोई स्टॉपेज निर्धारित किया जाना चाहिए। यह व्यवस्था नहीं होने के कारण व्यस्त सड़क पर जहां मर्जी वहीं चालक ऑटो रिक्शा खड़ा कर रहे। नगर निगम भी काफी हर तक इसके लिए जिम्मेदार है। लगातार स्थाई ऑटो स्टैंड बनाने के लिए पत्राचार किया जा रहा। इस पर अब तक कोई पहल नहीं की गई है।

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