सिटी बस की आधी अधूरी सुविधा, महंगा किराया देकर आना पड़ रहा शहर
0 गेवरा, दीपका, बांकीमोंगरा, हरदीबाजार, दीपका, बालकोनगर, दर्री, छुरी, रजगामार के कॉलेज विद्यार्थी परेशान
कोरबा। सिटी बसें कम चलने के कारण विद्यार्थियों की परेशानी बढ़ गई है। कुसमुंडा, गेवरा, दीपका, बांकीमोंगरा, हरदीबाजार, दीपका, बालकोनगर, दर्री, छुरी, रजगामार सहित अन्य उप नगरीय क्षेत्र से शासकीय पीजी कॉलेज, मिनीमाता कॉलेज, केएन कॉलेज सहित अन्य शैक्षणिक संस्थाओं में अध्ययनरत विद्यार्थी को काफी देर तक बस का इंतजार करना पड़ता है। देरी होने पर किसी अन्य साधन पर महंगे किराया देकर आवाजाही करनी पड़ती है। इससे विद्यार्थी व अभिभावकों पर खर्च का बोझ अधिक पड़ रहा है।
अर्बन सोसाइटी की लापरवाही यात्रियों पर भारी पड़ने लगी है। केंद्र सरकार के आर्थिक मदद से सोसाइटी ने कोरबा में संचालित करने के लिए 48 सिटी बसें खरीदी थी। कोरोना काल के बाद बड़ी मुश्किल से परिवहन विभाग ने 22 बसों को सड़क पर चलने के लिए फिट माना, लेकिन 14 बसें ही शहर में यात्रियों को लेकर दौड़ रही हैं। शहर और उप नगरीय क्षेत्र में लोगों की आवाजाही के लिए सिटी बस का संचालन शुरू किया गया था, लेकिन बसों की मेंटेनेंस के अभाव में यात्रियों को काफी असुविधा हो रही है। शहर और उपनगरीय इलाकों के बीच सार्वजनिक परिवहन को बढ़ावा देने के लिए अर्बन सोसाइटी ने एक निजी ट्रांसपोर्ट कंपनी को संचालन का जिम्मा दिया है। शहर में एक स्थान से दूसरे स्थान तक जाने के लिए लोग आजकल निजी बसों का उपयोग अधिक कर रहे हैं। इसकी वजह सिटी बसों का समय पर नहीं चलना और उसमें फैली गंदगी है। बस ऑपरेटर साफ-सफाई में रूचि नहीं लेता है। सड़क पर चलने वाली बसें दूर से ही धूल से ढंकी नजर आती है। इससे यात्री सिटी बसों के बजाय निजी बस में सफर कर रहे हैं। सिटी बसें शहरी क्षेत्र के पावर हाउस, सर्वमंगला रोड, बरमपुर, कुसमुंडा सहित अन्य स्थानों से होकर गुजरती है, लेकिन इन स्थानों पर सिटी बस स्टॉप पर शेड का निर्माण नहीं किया गया है। इससे बारिश और गर्मी के दिनों में यात्रियों को काफी परेशानी होती है। इसके अलावा कई जगह के शेड की कुर्सियां जर्जर हो चुकी है। इसे बदला नहीं जा रहा है। कई ऐसे स्थान भी हैं जहां निगम की ओर से सिटी बसों के लिए यात्री प्रतीक्षालय बनाया गया है, लेकिन यहां से बसें नहीं गुजरती।