October 4, 2024

मार्कफेड डीएमओ की शिकायत, धान उठाव को लेकर लगा आरोप

0 भाजपा जिला सह संयोजक ने सीएम के नाम अपर कलेक्टर को सौंपा ज्ञापन
कोरबा।
जिले में धान उठाव संबंधी समस्याओं की जानकारी एवं मार्कफेड की डीएमओ की शिकायत भाजपा जिला सह संयोजक ने सीएम से की है। इस संबंध में सीएम को पत्र लिखने के साथ अपर कलेक्टर को ज्ञापन सौंपा है।
भाजपा जिला सह संयोजक मो. न्याज नूर आरबी ने जिले में धान उठाव संबंधी समस्याओं की जानकारी, हाथी विचरण क्षेत्र एवं जंगलों से लगे इलाके में धान उपार्जन केंद्र खोलने को लेकर शिकायत की है। उनका कहना है कि समय पर धान के उठाव में लापरवाही बरतने के कारण चचिया धान खरीदी केंद्र के कर्मचारियों की जिंदगी महफूज नहीं लग रही है। बीते बुधवार गुरुवार की दरम्यानी रात पुन: लोनर हाथी उपार्जन केंद्र में घुस आया व दर्जनों बोरे धान को खाकर बर्बाद कर चला गया। धान की रखवाली में लगे कर्मचारियों ने दुबक कर किसी तरह अपनी जान बचाई। लचर परिवहन व्यवस्था, वन अमले की विफलता एवं असुरक्षित स्थल में 5 दिन में दूसरी बार हाथी की धमक से सहमे फड़ प्रभारी ने उप पंजीयक सहकारी संस्थाएं को पत्र लिखकर उपार्जन केंद्र चचिया में तत्काल धान खरीदी बंद कर शेष किसानों का कोरकोमा में धान खरीदने की वैकल्पिक व्यवस्था प्रदान करने की मांग की है। साथ ही मार्कफेड से खरीदे गए धान का तत्काल उठाव एवं आगामी खरीफ वर्ष से धान उपार्जन केंद्र के लिए उपयुक्त सुरक्षित स्थल का चयन करने की बात कही है। आरबी ने कहा कि मार्कफेड विभाग की मुखिया एवं जिले में धान उठाव में अत्यंत देर होने के प्रथम जवाबदार, संवेदनशील केंद्र के प्रति डीएमओ जान्हवी जिल्हरे का चुटकी बजाते नहीं उठ जाती धान वाले लापरवाह व गलत बयानबाजी से राज्य सरकार की छवि धूमिल हो रही है। जिला विपणन अधिकारी का न केवल राइस मिलरों पर नियंत्रण है न अपनी भाषा शैली पर। डीएमओ ने समिति में धान खरीदी के कार्य में तेजी आने धान की आवक बढ़ने से जाम के हालात पर सहकारी संस्थाएं के समितियों को ही दोषी ठहरा दिया। उन्होंने कहा कि समय रहते समितियां किसानों से धान खरीद लेती तो यह स्थिति निर्मित नहीं होती। संवेदनशील केंद्र के प्रति डीएमओ का यह बेतुका बयान और बौखलाहट यह बताने में काफी है कि उनसे जिले की व्यवस्था नहीं संभल रही। आने वाले वक्त में मार्कफेड को इस दिशा में गंभीरता से पहल करनी चाहिए। जिले में खराब मौसम के बीच जाम पड़े करोड़ों रुपयं के धान के उठाव के प्रति डीएमओ की सक्रियता नजर नहीं आ रही है। सिर्फ डीओ जारी कर अपने कर्तव्यों से इतिश्री कर रही है। उपार्जन केंद्रों में व्याप्त समस्याओं को सुधारने के आदेश सह व्यवस्था देने की मांग की गई है जिससे कि फड़ में रखे धान का तत्काल उठाव हो सके।

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