घनश्याम श्रीवास को अवार्ड 2023 की मानद उपाधि का राज्य अलंकरण सम्मान
कोरबा। धर्म की नगरी धमतरी में 21 जनवरी रविवार को कोरबा जिले के वरिष्ठ शिक्षक, राज्य के वरिष्ठ नाटक निर्देशक, लोक गायक, नृत्य निर्देशक साहित्यकार, घनश्याम श्रीवास को उनके शैक्षणिक, साहित्यिक, सांस्कृतिक तथा समाज सेवा के क्षेत्र में उत्कृष्ट एवं प्रभावो उत्पादक कार्य के लिए अकादमी की प्रांतीय पुरस्कार चयन समिति ने भारतीय दलित साहित्य अकादमी छत्तीसगढ़ का संस्कृतिक दूत अवार्ड 2023 का सम्मान छत्तीसगढ़ के प्रथम अमर शहीद क्रांतिवीर गैंद सिंह नायक शहादत दिवस के अवसर पर गोंडवाना भवन बिलाई माता मंदिर के पास धमतरी में प्रदान किया गया।
घनश्याम श्रीवास को कला के माध्यम से समाज में मानवता बंधुता समता, स्वतंत्रता तथा न्याय प्रिय दायित्वों के निर्वहन में महत्वपूर्ण योगदान के लिए, वहीं सामाजिक कुरीतियों, अंधविश्वास जाति भेद नशा मुक्ति अभियान, असमानता, विषमता एवं शोषण के खिलाफ जन जागृति का उल्लेखनीय कार्य के लिए तथा कला, भाषा संस्कृति के संरक्षण संवर्धन तथा अभिव्यक्ति के इस समर्पण के प्रति कटिबद्धता के लिए यह अवार्ड 2023 की मानद उपाधि का सर्वोच्च अलंकरण प्रदान किया गया है। यह सम्मान सुशीला देवी वाल्मीकि (अखिल भारतीय वाल्मीकि महासभा की राष्ट्रीय उपाध्यक्ष), कार्यक्रम के मुख्य अतिथि टीकाराम सारथी (प्राचार्य डभरा), विशिष्ट अतिथि आदर्श शिक्षक बागेश्वर पात्र (नारायणपुर), राधे श्याम कंवर (जांजगीर), अकादमी के राष्ट्रीय अध्यक्ष डॉ. सोहन पाल सुमनाअक्षर तथा प्रांत अध्यक्ष जी.आर. बंजारे ज्वाला की उपस्थिति में प्रदान किया गया। इस सम्मान के पूर्व भी घनश्याम श्रीवास को अनेक राष्ट्रीय सम्मान से सम्मानित किया जा चुका है। यह कोरबा जिले का सम्मान तथा राज्य का गौरव है कि घनश्याम श्रीवास को मनाद उपाधि से सम्मानित किया गया। छत्तीसगढ़ महतारी संस्कृति संवर्धन सेवा समिति, सर्व शिक्षक संघ छत्तीसगढ़, कोरबा जिले के साहित्यकार, रंगकर्मी आदि ने घनश्याम श्रीवास को शुभकामनाएं प्रेषित की है।