अपेक्षाओं की कसौटी पर पूर्णत: निराशाजनक है यह बजट : दीपेश मिश्रा
कोरबा। एटक नेता दीपेश मिश्रा ने बजट पर अपनी प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए कहा है कि चुनावी साल में जैसा होता है, सत्ताधारी पार्टी ने चित भी मेरी, पट भी मेरी वाली युक्ति अपनाई है। वित्त मंत्री ने इस ठंड के मौसम में देश के जनता को ठंडा बजट पेश किया है। यह बजट ठीक वैसा ही अंतरिम बजट है। आर्थिक सुस्ती के माहौल में पेश यह एक निराशावादी बजट है। आर्थिक मंदी को दूर करने के लिए उपभोग एवं निवेश में वृद्धि आवश्यक है, लेकिन बजट में ऐसा कोई प्रोत्साहन नहीं है। इसी तरह बजट में सैलेरीड क्लास को निल बटे सन्नाटा याने आयकर जस का तस न स्लैब बदला-न कोई छूट। इसके साथ ही बजट में आम जनता एवं मजदूरों के लिए कुछ भी नहीं है। कुल मिलाकर यह बजट अपेक्षाओं की कसौटी पर पूणत: निराशाजनक है। इसमें सबसे चिंता चिंता की बात यह है कि 18 लाख करोड़ रुपये का बजट घाटा है। यानी सरकार अपने खर्च के लिए उधार ले रही है और अगले साल यह और बढ़ने वाला है।