रमजान के पहले जुमा की नमाज में मस्जिदों में रही भीड़
0 लोगों ने बच्चों और बुजुर्गों के साथ अता की नमाज
कोरबा। माह-ए-रमजान चांद दिखने की तस्दीक के साथ 11 मार्च से शुरु हो चुका है। मुस्लिम बंधुओं ने 12 मार्च मंगलवार को पहला रोजा रखा। 15 मार्च को रमजान का पहला जुमा पड़ा। इसे लेकर मस्जिदों में बड़ी संख्या में मुस्लिम बंधुओं ने नमाज अता की। पहले जुमा को शहर सहित उपनगरीय इलाके के इबादतगाहों में मुस्लिमों की भीड़ रही। इस बार रमजान में 4 जुमा पड़ रहे हैं। इस्लाम में जुमा की नमाज की खास अहमियत है। वहीं रमजान में पड़ने वाले जुमे का महत्व और बढ़ जाता है।
सभी धर्म में सप्ताह के किसी दिन को विशेष माना जाता है। बात करें इस्लाम धर्म की तो इस्लाम में अल्लाह की इबादत करने के लिए शुक्रवार यानी जुमा को बेहद खास माना गया है। इस दिन मुस्लिमबंधु नमाज अता कर खुदा की इबादत के लिए मस्जिदों में पहुंचते हैं। खासकर रजमान के पाक महीने में पड़ने वाले जुमे की विशेष अहमियत होती है। रमजान को इबादत और बरकत का पाक महीना माना गया है। इस पूरे महीने में मुसलमान रोजा भी रखते हैं। मुस्लिम मान्यताओं के अनुसार ऐसे में रमजान के महीने में रोजा रखकर जब रोजेदार जुमा की नमाज अदा करते हैं तो अल्लाह उनकी सभी मुरादों को पूरी करता है। इसलिए रमजान के महीने में पड़ने वाले शुक्रवार का महत्व और बढ़ जाता है। आज रमजान के पहले जुमा की नमाज अता करने के लिए मुसलमान बड़ी तादाद में मस्जिद पहुंचे और सिर झुकाकर अल्लाह की इबादत की। इस्लाम धर्म में रोजाना पांच वक्त की नमाज अता करना फर्ज माना गया है।
इस साल रमजान के महीने में कुल 4 जुमा पड़ेंगे। माह-ए-रमजान की शुरुआत 11 मार्च से हुई है। पहला जुमा 15 मार्च को पड़ा। इसके बाद दूसरा जुमा 22 मार्च, तीसरा 29 मार्च और चौथा व आखिरी जुमा 5 अप्रैल को पड़ेगा। 10 अप्रैल को 30वां रोजा रखा जायेगा। संभवत: 11अप्रैल को ईद मनाई जाएगी। हालांकि चांद के दीदार के बाद ही ईद मनाने का दिन मुकर्रर होगा। ईद आने की खुशियां और माहे रमजान जाने का गम जमातुलविदा की नमाज में देखने को मिलता है। रमजान माह के आखिरी जुमा को जमातुलविदा की नमाज अता की जाती है। इस साल जमातुलविदा 25वें रोजे के दिन 5 अप्रैल को पड़ रहा है। माह-ए-रमजान की 25वें रोजे के के साथ रहमतों और बरकतों के इस माह मुस्लिम बंधु अंतिम शुक्रवार को मस्जिदों में जमातुलविदा की नमाज अता करेंगे।