November 21, 2024

गेवरा माइंस ने एक दिन में किया रिकॉर्ड तीन लाख टन कोयला उत्पादन

0 डेली उत्पादन का बनाया रिकॉर्ड
कोरबा।
वित्तीय वर्ष समाप्ति से पहले एसईसीएल प्रबंधन अपने सालाना 197 मिलियन टन कोयला उत्पादन के लक्ष्य को हासिल करने की कवायद में जुटा हुआ है। इस कवायद में एसईसीएल की सबसे बड़ी कोयला उत्पादक खदान गेवरा का बखूबी साथ मिल रहा है। 17 मार्च को जहां एसईसीएल ने कुल 8 लाख 48 हजार टन कोयला का एक दिन में उत्पादन किया। इसमें गेवरा एरिया ने अकेले ही 3 लाख टन कोयला उत्पादन किया है। आगे 3 लाख 50 हजार टन से अधिक कोयला उत्पादन की तैयारी कर ली गई है।
रविवार को 8 लाख 38 हजार टन कोयला उत्पादन के डेली प्रोडक्शन से एसईसीएल ने 10 हजार टन ज्यादा कोयला उत्पादन किया। इसमें कोल कंपनी के जिले की मेगा माइंस का सर्वाधिक योगदान रहा। 14 दिन में एसईसीएल को अब 22 मिलियन टन से अधिक कोयला उत्पादन करना होगा तभी वह इस साल का लक्ष्य हासिल कर पाएगा। किसी भी वित्तीय साल में अब तक का सर्वाधिक 167 मिलियन टन कोयला उत्पादन का रिकॉर्ड एसईसीएल इस बार तोड़ चुकी है। कंपनी नए रिकॉर्ड की ओर अग्रसर है। मगर एसईसीएल का फोकस 197 मिलियन टन कोयला उत्पादन के लक्ष्य पर है। एसईसीएल अब तक लगभग 175 मिलियन टन कोयला उत्पादन कर चुकी है। पिछले साल की तुलना में उक्त अवधि में यह उत्पादन 19 मिलियन टन से ज्यादा है। समान अवधि में पिछले वित्तीय वर्ष में 155.35 मिलियन टन उत्पादन हुआ था। एसईसीएल का उत्पादन पॉजिटिव ग्रोथ पर है। प्रबंधन के अधिकारी भी इस ग्रोथ को आगे बढ़ाते हुए लक्ष्य की ओर बढ़ रहे हैं।
खास बात है कि डेली कोयला उत्पादन में गेवरा एरिया ने अपने बूते में 3 लाख टन से ज्यादा कोयला का उत्पादन कर लिया है जो इस वित्तीय वर्ष में किसी एक दिन में एरिया का सर्वाधिक उत्पादन है। एसईसीएल ने 16 मार्च को डेली उत्पादन का नया कीर्तिमान हासिल किया। मार्च में लक्ष्य तक पहुंचने एसईसीएल को रोजाना 8 लाख 38 हजार टन कोयला उत्पादन करना है। इस लिहाज से शनिवार को कंपनी ने 12 हजार टन ज्यादा उत्पादन करते हुए 8 लाख 50 हजार टन कोयला उत्पादन किया। खास बात है कि यह किसी एक दिन में किया गया यह वित्तीय वर्ष का सर्वाधिक उत्पादन है। एसईसीएल के कोयला उत्पादन का टारगेट साल दर साल बढ़ रहा है। इसमें कोरबा जिले की खदानों की सर्वाधिक भूमिका रह रही है। दूसरी ओर जिले की खदानों को विस्तार की चुनौतियों से निपटना पड़ रहा है।
मेगा परियोजनाओं में रोजगार, बसाहट और पुनर्वास की मांगों को लेकर भू-विस्थापित आंदोलन कर रहे हैं। वहीं एरिया में विस्तार को लेकर विरोध भी है। आगामी वित्तीय वर्ष में एसईसीएल का टारगेट 200 मिलियन टन के पार पहुंचेगा। गेवरा एरिया को 70 मिलियन टन सालाना उत्पादन की पर्यावरणीय स्वीकृति मिल चुकी है। ऐसे में कंपनी प्रबंधन के सामने इन चुनौतियों से निपटने की बड़ी चुनौती है।

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