वन विभाग के हत्थे चढ़े शिकारी, आरोपियों को कराया गया जेल दाखिल
कोरबा। वन विभाग की टीम को उस समय बड़ी सफलता हाथ लगी, जब पेट्रोलिंग के दौरान जंगल में लगी आग को बुझाने जा पहुंचे। वनकर्मी व फायर वाचरों को अपनी ओर आते देख शिकारी भागने लगे। उनमें से दो लोगों को टीम ने पकड़ लिया। टीम ने जब तलाशी ली तो उसके पास रखे झोले से जंगली सुअर का कान, थूथन व मांस के अलावा बर्तन तथा टंगिया बरामद हुआ। मामले में वन अधिनियम के तहत कार्रवाई करते हुए शिकारियों को जेल दाखिल कराया गया है।
मामला कोरबा वनमंडल के वन परिक्षेत्र करतला की है। दरअसल वनमंडलाधिकारी अरविंद पीएम ने होली पर्व के दौरान जंगल की सुरक्षा के लिए गश्त तेज करने के निर्देश जारी किए थे। उनके निर्देश एसडीओ दक्षिण सूर्यकांत सोनी के मार्गदर्शन तथा करतला वन परिक्षेत्र अधिकारी राजेश चौहान के नेतृत्व में वन अमला होली की पूर्व संध्या गश्त मे जुटा हुआ था। इसके अलावा जंगल को आग से बचाने फायर वाचरों को भी लगाया था। वन विभाग की पेट्रोलिंग पार्टी चिकनीपाली परिसर के कक्ष क्रमांक पी 1168 ग्राम चीताखोल की ओर निकली थी। इस बीच वन अमले को चीताखोल के जंगल में आग की लपटें दिखाई दी। वन विभाग की टीम फायर वाचरों के साथ जंगल में लगी आग को बुझाने जा पहुंचे। वे आग को बुझाते हुए जंगल के भीतर पहुंच गए। उन्हें अपनी ओर आते देख जंगली सुअर का शिकार करने वाले शिकारी घबरा गए। वे इधर उधर भागने लगे। इस बीच शिकारियों पर वनकर्मियों की नजर पड़ गई। उन्होंने संदेह होने पर दो लोगो को घेराबंदी कर पकड़ लिया। पूछताछ करने पर उन्होंने अपना नाम चीताखोल निवासी संतोष कुमार व निलांबर बताया। उनके पास रखे थैले की तलाशी लेने पर वनकर्मी भी भौचक रह गए। दरअसल झोले में जंगली सूअर के कान व थूथन व मांस था, जो ताजा था। इसके अलाव बर्तन, कुल्हाड़ी, नमक व माचिस सहित अन्य सामान मिले। पूछताछ में दोनों ग्रामीणों ने साथियों के साथ जंगली सुअर का शिकार करना स्वीकार कर लिया।
मामले में वन्यप्राणी संरक्षण अधिनियम 1972 एंव भावअ 1927 की धारा 33(1)घ तथा अन्य धाराओं के तहत कार्रवाई करते हुए दोनों आरोपियो को जेल दाखिल किया गया है। मामले में जांच उपरांत अन्य के खिलाफ भी कार्रवाई की जा सकती है। इस कार्रवाई में रेंजर चौहान के नेतृत्व में बरपाली सर्किक प्रभारी बिरेश कुमार शुक्ला के अलावा गीता नेताम, चंद्रशेखर सिंह, कपिल कुमार कंवर, विजयेंद्र सिंह नेटी, विष्णु साहू, सुकलाल कंवर के अलावा अन्य की सराहनीय भूमिका रही। वन विभाग की टीम ने जंगली सूअर का शिकार करने वाले दो ग्रामीणों को पकड़ लिया। पूछताछ करने पर पता चला कि उनके साथ कई अन्य लोग भी थे। उन्होनें जंगल के आग लगाकर सूअर का शिकार किया था। तत्पश्चात आपस में मांस का बंटवारा कर लिया। टीम के हत्थे चढ़े शिकारी दवा बनाने के लिए जंगली सूअर के कान व थूथन को ले जा रहे थे।