पड़ोसी की हत्या करने वाले को उम्रकैद
0 प्रथम अपर सत्र न्यायाधीश के न्यायालय ने सुनाया फैसला
कोरबा। सरकारी राशन की रकम को लेकर उपजे विवाद पर दो पड़ोसी आपस में भिड़ गए। इस दौरान एक ने दूसरे पर चाकू से हमला कर दिया। घटना में गंभीर रूप से घायल युवक की मौत हो गई। मामले में चार साल तक चली सुनवाई के बाद आरोपी को आजीवन कारावास की सजा हुई है। यह फैसला प्रथम अपर सत्र न्यायाधीश के न्यायालय ने दिया है।
घटना बालको थाना क्षेत्र के ग्राम धनगांव में घटित हुई थी। यहां रहने वाले विशंभर साय उर्फ केंदा सारथी (60) से सोसायटी का चावल गांव में ही रहने वाले रामचरण केवर्त को दिया था, जिसकी रकम को लेकर दोनों के बीच विवाद चला आ रहा था। 20 जुलाई 2020 की दोपहर करीब 2.30 बजे केंदा का सामना रामचरण से हुआ। केंदा ने अपने चावल के रकम की मांग की, जिसे रामचरण ने देने से इनकार कर दिया। इस बात को लेकर दोनों के बीच विवाद हो गया। विवाद के दौरान केंदा ने रामचरण पर चाकू से ताबड़तोड़ हमला कर दिया। जब रामचरण के पिता अजकराम बीच बचाव करने पहुंचा, तो वह भी घायल हो गया। घटना में रामचरण की मौत हो गई, जबकि उसके पिता घायल हो गए। मामले की सूचना मृतक की पत्नी सुखमती बाई ने थाना पहुंचकर दी। बालको पुलिस ने आरोपी को गिरफ्तार कर लिया। मामले में आरोपी विशंभर उर्फ केंदा के खिलाफ धारा 302 के कार्रवाई करते हुए कोर्ट में पेश कर दिया। मामले की सुनवाई प्रथम अपर सत्र न्यायाधीश के न्यायालय में चल रही थी। सुनवाई के दौरान अतिरिक्त लोक अभियोजक कौशल प्रसाद श्रीवास ने आरोपी के खिलाफ पर्याप्त साक्ष्य व सबूृत पेश कर दिया। प्रथम अपर सत्र न्यायाधीश गरिमा शर्मा के न्यायालय ने दोषसिद्ध होने पर विशंभर साय उर्फ कोंदा को आजीवन कारावास के अलावा बीस हजार अर्थदंड से दंडित किया है। अर्थदंड अदा नहीं करने की स्थिति में दोषी को पांच माह अतिरिक्त कारावास भुगतनी होगी।
0 हत्या के प्रयास मामले में सात साल की सजा
शासकीय लोक अभियोजक अशोक कुमार आनंद ने बताया कि 31 दिसंबर 2019 की रात पाली थानांतर्गत ग्राम धौराभांटा निवासी प्रीति टेकाम अपने घर में सोई थी। इसी दौरान रात करीब एक बजे होरी लाल मरावी टंगिया लेकर उसके घर जा घुसा। उसने प्रीति पर टंगिया से हमला कर दिया, जिस पर पीड़िता के मां की नजर पड़ गई। उसकी चीख सुनकर पहुंचे पीड़िता के पिता ने टंगिया को पकड़ लिया। मामले में पुलिस ने वैधानिक कार्रवाई की थी। मामले में अभियोजन अधिकारी ने पर्याप्त साक्ष्य व सबूत पेश कर दिए। दोषसिद्ध होने पर प्रथम अपर सत्र न्यायाधीश के न्यायालय ने दोषी को आजीवन कारावास की सजा सुनाई है।