पहला प्रयास, जागा आत्मविश्वास, महिलाओं ने चुनाव में सम्हाला था कमान, भविष्य में भी कराएंगी मतदान
मतदान कराने के पश्चात गौरवान्वित महसूस कर रही महिलाए
कोरबा। निर्वाचन का काम तो बहुत कठिन काम होता है…बहुत जिम्मेदारी होती है…ईवीएम चलाना होगा…तरह-तरह के प्रपत्र भरने होंगे…समय-समय पर प्रशिक्षण लेना होगा…अधिकारियों को रिपोर्टिंग करनी होगी…यह सब कैसे होगा…कुछ गलती हुई तो क्या होगा..? सस्पेंड हो जाएंगे…? हे भगवान कहा फस गए…चुनाव ड्यूटी से नाम हट जाए…तो अच्छा है…। कुछ ऐसे ही संशय और सवालों से घिर कर निर्वाचन जैसे जिम्मेदारी भरे ड्यूटी से जी-चुराने, बचने की कोशिश सविता(बदला हुआ नाम) ने भी की थी। निर्वाचन कार्य में ड्यूटी लगने और ट्रेनिंग में बुलाए जाने के पश्चात सविता जैसी अनेक महिलाओं में संशय था कि पता नहीं यह ड्यूटी कैसे करेंगे? शायद यहीं वजह भी थी कि कइयों ने अपना नाम ड्यूटी से हटाने तरह-तरह के उपाय अपनाएं। कई कोशिशें की…मगर अंततः काम करना पड़ा..। शुरुआत में इस कार्य से दूर जाने,अपना नाम हटवाने की कोशिश करने वाली अनेक महिलाएं है..जो अब मतदान कराने के पश्चात खुद को बहुत गौरवान्वित महसूस कर रही है और भविष्य में भी इस कार्य को आसानी से करने आगे आने की बात कह रही है। बहरहाल निर्वाचन कार्य में संलग्न महिलाओं में मतदान कराने के कार्य को लेकर गजब का उत्साह रहा। मतदान सामग्री ले जाने से लेकर मतदान कराकर वापसी लौटने के दरम्यान उनके भीतर एक नया आत्मविश्वास कायम हुआ है और यह आत्मविश्वास एक दूसरे के बीच बहुत ही चर्चाओं का साथ चर्चा में बना हुआ है।
लोकसभा निर्वाचन 2024 अंतर्गत कोरबा जिले के चार विधानसभा सीट में से इस बार कोरबा की सीट बहुत चर्चा में रही। कलेक्टर एवं जिला निर्वाचन अधिकारी श्री अजीत वसंत द्वारा कोरबा के 249 मतदान केंद्रों में महिला कर्मचारियों के हाथों सम्पूर्ण कमान सौंपे जाने के साथ ही ट्रेनिंग का दौर शुरू हुआ। महिलाओं को ही बूथ में पीठासीन अधिकारी, मतदान अधिकारी एक,दो और तीन के साथ ही माइक्रो आब्जर्वर की जिम्मेदारी दी गई। 249 बूथों के लिए लगभग 1150 महिला मतदान दल और 69 माइक्रो ऑब्जर्वर तथा अन्य तीन विधानसभा में 10-10 संगवारी मतदान केंद्र के लिए 180 महिलाओं की ड्यूटी लगाई गई थी। यह पहली बार था कि कोरबा विधानसभा के बूथों में महिलाओं को ही जिम्मेदारी दी गई थी,ऐसे में यह एक चुनौती के साथ रिस्की भी था कि कहीं कोई गड़बड़ी हुई तो तरह-तरह के सवाल उत्पन्न होंगे। कलेक्टर ने इन सभी की परवाह नहीं की और बहुत ही सकारात्मक सोच के साथ महिलाओं का आत्मविश्वास आगे बढ़ाते हुए उन्हें ट्रेनिंग में अनेक टिप्स दिए। उनकी शंकाओं का समाधान किया और इस निर्वाचन को नारी सशक्तिकरण से जोड़ते हुए लोकतंत्र के निर्माण में महिलाओं की भागीदारी को महत्वपूर्ण बताया। जिला प्रशासन से मिले संबल के बल पर महिलाओं ने भी कमर कसी और निर्वाचन कार्य को गंभीरता से पूरा कर यह साबित किया कि वे किसी से कम नहीं है। जिस कार्य को हमेशा पुरूष कराते आ रहे हैं उसे महिलाओं ने करके भविष्य के लिए भी आगे तैयार रहने का संदेश दिया है।
निर्वाचन कार्य में जिम्मेदारी मिलने पर खुद को बहुत गौरवान्वित महसूस करते हुए महिला मतदान दल के कर्मचारियों ने खुशी जताई है। मतदान अधिकारी श्रीमती नेहा सिंह, रजनी पाटिल जोशी,रंजना दास, रूप कुर्रे ने बताया कि हम महिलाएं सभी प्रकार के कार्य कर सकती हैं। निर्वाचन आयोग ने जो जिम्मेदारी दी है उसे भी पूरा किया। यह एक अलग अनुभव था और मतदान केंद्रों में ग्रामीणों का भी सहयोग मिला। उन्होंने कहा कि बहुत पहले कई देशों में महिलाओं को मतदान करने का अधिकार नहीं था, आज महिलाओं को मतदान कराने की जिम्मेदारी भी मिलने लगी है। इससे हम सभी को खुशी के साथ गर्व भी महसूस होता है। युवा मतदान दल की शालिनी देवांगन, प्रभावती पटेल, दीक्षा गुप्ता, खुशबू खान ने बताया कि पहली बार ड्यूटी लगी थी, इस कार्य को करने में किसी प्रकार का संकोच नहीं था। बहुत खुशी की बात है कि हमें यह जिम्मेदारी मिली और इस जिम्मेदारी को पूरा किया। मास्टर ट्रेनर्स श्रीमती ज्योति शर्मा ने बताया कि महिलाओं को पूरी तरह से प्रशिक्षण प्रदान किया गया था। किसी को कार्य करने में असुविधा नहीं हुई। पीठासीन अधिकारी के रूप में श्रीमती एम. धनलक्ष्मी ने बताया कि उन्होंने तीसरी बार निर्वाचन कार्य में जिम्मेदारी सम्हाली है। इस कार्य से उन्हें गर्व की अनुभूति होती है। उन्होंने बताया कि उनके साथ अन्य महिलाओं ने इस बार कार्य किया और उन्हें भी यह बहुत अच्छा लगा कि लोकतंत्र के निर्माण में मतदान दल के रूप में कार्य किया है। उन्होंने कहा कि आज महिलाएं सभी क्षेत्रों में काम कर सकती हैं। निर्वाचन का दायित्व जिम्मेदारी और गंभीरता से जुड़ा हुआ है। मतदान अधिकारी के रूप में श्रीमती हेमलता राठौर, ममता यादव, अलखनंदा दत्ता, अभिलाषा विश्वकर्मा, श्रीमती कल्पना लहरे तथा सुरक्षा डयूटी करने वाली प्रतिभा राय सहित अन्य महिलाओं ने कहा कि हम सभी महिलाएं बहुत ही उत्साहित हैं कि महिलाओं को मतदान दल के रूप में कार्य करने का अवसर मिला है अब भविष्य में यह अनुभव काम आएगा।