November 7, 2024

महिलाओं को क्या भाया नारी न्याय या महतारी, फैसला 4 को

0 परिणाम से पहले होने लगे जीत के दावे, आधी आबादी होगी गेम चेंजर
कोरबा। लोकसभा चुनाव के परिणाम भले ही 4 जून को आएंगे हालांकि जीत को लेकर सबके अपने अपने दावे हैं। बीजेपी का दावा है की महतारी वंदन योजना के तहत जो राशि महिलाओं के खाते में आई उसका असर वोटों में नजर आया है। कांग्रेस का कहना है की नारी न्याय योजना के तहत कांग्रेस ने जो 1 लाख देने की घोषणा की उसका असर जनता पर दिखाई दिया है। महिलाएं घर से निकली और वोट कांग्रेस को दिया। सियासी ऊंट किस करवट नतीजों में बैठेगा ये तो चार जून को पता चलेगा। इतना तय है कि इस लोकसभा चुनाव में खासकर कोरबा में महिला वोटर गेम चेंजर साबित होंगी।
कोरबा लोकसभा में कुल आठ विधानसभा सीटें हैं। लोकसभा क्षेत्र बड़ा होने के चलते चुनाव आयोग ने मतदान के लिए 2023 मतदान केंद्र बनाए थे। कोरबा लोकसभा सीट पर कुल मतदाताओं की संख्या 16 लाख 18 हजार 864 थी। पुरुष मतदाता की संख्या 8 लाख 3 हजार 520 रही। जबकि महिला वोटर्स की संख्या 8 लाख 15 हजार 292 थी। मतदान में 5 लाख 62 हजार 616 पुरुषों ने अपने मताधिकार का इस्तेमाल किया। वहीं 5 लाख 69 हजार 839 महिलाओं ने वोट दिया है। लगभग एक दो दशक पहले तक महिलाओं की भागीदारी पुरुषों की तुलना में कम होती थी। पुरुष मतदाताओं की संख्या अधिक रहती थी। पर अब यह ट्रेंड बदला है। वर्तमान के लोकसभा चुनाव में भी यह ट्रेंड देखने को मिल रहा है। महिलाओं ने बढ़-चढ़कर लोकतंत्र के पर्व में अपनी भागीदारी सुनिश्चित की है। कोरबा लोकसभा में मतदान का प्रतिशत स्थिर रहा है। 2019 में जितनी वोटिंग हुई थी 2024 में भी लगभग उतनी ही वोटिंग हुई है। इस साल मतदान का प्रतिशत 75.63 रहा है, जबकि 2019 में कुल मतदान का यह आंकड़ा 75.34 था। जिसके अनुसार इस बार के मतदान में सिर्फ 0.29 प्रतिशत की ही वृद्धि दर्ज हुई है। कोरबा लोकसभा के आठ विधानसभा क्षेत्र में शहरी विधानसभा वाले क्षेत्र कोरबा में सबसे कम 63.18 फीसदी वोटिंग हुई है, जबकि रामपुर विधानसभा में 77.80, कटघोरा में 74.81, पालीतानाखार में 79.58 प्रतिशत, भरतपुर सोनहत में 82.45 प्रतिशत, महेंद्रगढ़ में 71.46, बैकुंठपुर में 80.3 और मरवाही में 78.62 फ़ीसदी मतदान हुआ है। परिणाम आने में अभी देरी है मगर जीत को लेकर दावों का दौर शुरू हो चुका है। भाजपा और कांग्रेसी नेता अपनी अपनी जीत का दावा कर रहे हैं। दूसरी और आम जनता में भी अब हार जीत को लेकर कयास लगाने शुरू हो चुके हैं।

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