November 7, 2024

नीलकंठ कंपनी में बाहरी लोगों को दिया रोजगार, स्थानीय ग्रामीणों में भड़का आक्रोश

कोरबा। एसईसीएल कुसमुंडा परियोजना में ओवर बर्डन से लेकर ट्रांसपोर्टिंग और दूसरे कार्यों को आउटसोर्सिंग पर दिया गया है। ग्लोबल टेंडर के आधार पर एसईसीएल की इस परियोजना में नीलकंठ को जिम्मेदारी मिली है। अपना कामकाज करने के लिए उसने श्रमिकों की नियुक्ति की है। इस मामले में स्किल पर जोर देने की कोशिश की गई है।
भू-विस्थापितों का कहना है कि काफी लंबे समय से निजी कंपनी द्वारा उन्हें गुमराह किया जा रहा है और बाहरी लोगों को लाकर कम कराया जा रहा है, जबकि उनसे सारे दस्तावेज कंपनी ले चुकी है। उसके बावजूद भी कम पर रखने के लिए आनाकानी कर रही है। इसी बात को लेकर आए दिन विवाद खड़ा हो रहा है और गतिरोध भी उत्पन्न हो रहा है। एसईसीएल कुसमुंडा के आसपास के प्रभावित गांवों के कई लोगों ने नीलकंठ के कैंप पहुंचने के साथ साथ वहां पर काम करने वाले श्रमिकों से पूछताछ की। इन लोगों ने आरोप लगाया कि रोजगार मांगने पर उनकी ऋण पुस्तिका और कई दस्तावेज ले लिए गए हैं और चक्कर कटवाए जा रहे हैं।
गौरतलब है कि छत्तीसगढ़ सरकार के श्रम और उद्योग मंत्री लखनलाल देवांगन के द्वारा हाल में ही विभिन्न सार्वजनिक प्रतिष्ठानों से यह जानकारी देने को कहा गया है कि उनके यहां कॉन्ट्रैक्ट संबंधी कार्यों में स्थानीय लोग किस संख्या में हैं और दूसरे राज्यों के लोगों को कितनी मात्रा में रोजगार दिया गया है। 7 दिन के अंदर इस प्रकार की जानकारी देने के लिए निर्देशित किया गया है।

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