डस्ट ने दीपका के लोगों की बढ़ाई परेशानी, मॉर्निंग वॉक पर निकलना हुआ मुश्किल
कोरबा। एसईसीएल की दो खुली खदानों के ही संचालन और कोल परिवहन में लगे भारी वाहनों के कारण सड़क से उड़ते कोल डस्ट से गेवरा व प्रगति नगर कॉलोनी के लोग खासे परेशान हैं। क्षेत्र के कई लोगों ने अब सुबह मॉर्निंग वॉक पर निकलना भी बंद कर दिया है। कॉलोनी परिसर में धूल छा रहा है। इससे सबसे अधिक परेशानी श्वास वर्ग के मरीजों को होती है, इन्हें सांस लेने में कई बार तकलीफ भी होती है।
क्षेत्र में एसईसीएल की गेवरा व दीपका की कोयला खदानें संचालित है। यूनियन नेताओं ने भी उड़ते कोल डस्ट का मुद्दा एरिया स्तर की विभिन्न कमेटियों की बैठक में उठा चुके हैं। मगर आश्वासन ही मिला है। दूसरी ओर उड़ते धूल के कारण भयावह स्थिति है। सड़क पर जमे कोल डस्ट की सफाई नहीं होती है। जब भारी वाहन चलते हैं तो धूल उड़कर कॉलोनी तक पहुंचती है। सुबह कॉलोनी परिसर में छाए कोल डस्ट देखे जा सकते हैं। इसके कारण वाहनों से आवाजाही के दौरान दिक्कतें होती है। कोल डस्ट के कारण सामने नहीं दिखने पर हादसे की आशंका बनी रहती है। क्षेत्र के उद्यान में भी कोल डस्ट की मोटी परत जमी रहती है। इस कारण अब लोग मॉर्निंग वॉक पर सुबह उद्यान पहुंचने से कतराते हैं।
क्षेत्रवासियों की मानें तो प्रबंधन ने भारी वाहनों के चलते सड़क से उड़ते धूल से निजात दिलाने कॉलोनी के चारों ओर बाउंड्रीवाल कराने की बात जरूर कही है। सड़क पर नियमित पानी का छिड़काव करने और कोयला खनन के दौरान उड़ते धूल से राहत देने की जरूरत है। चारपहिया वाहनों में अधिकारी आवाजाही करते हैं। इससे इन्हें परेशानी नहीं होती है। मगर जो बाइक से आवाजाही करते हैं वे उड़ते धूल के कारण गंभीर बीमारी से भी पीड़ित हो सकते हैं। बढ़ते प्रदूषण को नियंत्रित करने कई बार एरिया प्रबंधन के द्वारा एक्शन प्लान बनाए गए। मगर यह कागजों में ही सिमटकर रह गया। जब कभी यूनियन नेताओं की ओर से उड़ते धूल के कारण परेशानी का मुद्दा उठाया जाता है तो आश्वासन ही मिलता है। प्रदूषण को रोकने धरातल पर कोई काम नहीं दिखता।