कोरोना के बढ़ते मामले चिंताजनक,स्वास्थ्य विभाग की लापरवाही उजागर संक्रमण को रोकने नही दे रहे है ध्यान,आमलोगों में भारी आक्रोश
शुभांशु शुक्ला
मुंगेली। 10 सितंबर 2020 वैश्विक महामारी कोरोना से आज पूरा विश्व जूझ रहा है देश मे भी इस बीमारी की चपेट में आने वालों की संख्या में दिन ब दिन इजाफा हो रहा है, जिसको लेकर केंद्र सरकार के द्वारा इसके बचाव को लेकर कई योजनाएं तैयार की जा रही है वही छत्तीसगढ़ की सरकार भी इस बीमारी को लेकर काफी गम्भीर नजर आ रही है और खुद प्रदेश के मुख्यमंत्री के द्वारा महामारी के बचाव को लेकर किये जा रहे उपायों की मॉनिटरिंग कर रहे है साथ ही जिले के सभी कलेक्टरों से लगातार संपर्क बनाए हुए है लेकिन मुंगेली जिले में इस बीमारी को लेकर भारी लापरवाही बरती जा रही है यहां पर जिस तरह से स्वास्थ्य विभाग का रवैया है उसको लेकर जिले वाशियों में काफी आक्रोश देखा जा रहा है जिले के कलेक्टर के द्वारा कई बार बैठक लेकर स्वास्थ्य विभाग के अधिकारियों को इस महामारी से बचाव करने को लेकर शासन द्वारा निर्धारित की गई गाईडलाईन के बारे में आम नागरिकों को जानकारी देने के साथ ही इस बीमारी के चपेट में आने वाले मरीजों को समुचित ईलाज को लेकर निर्देशित कर चुके है। लेकिन स्वास्थ्य विभाग इन सभी निर्देशो को दर किनार करते हुए लापरवाही करने में मशगूल है। आम नागरिकों के द्वारा बताया गया कि जिले के सबसे बड़े अस्पताल में ही जमकर लापरवाही की जा रही है जिला अस्पताल में कोरोना महामारी का टेस्ट तो किया जाता है और जब किसी का रिपोर्ट पॉजिटिव आता है तो उस मरीज को स्वास्थ्य विभाग के कर्मचारी घर भेज देते है और उन्हें स्वास्थ्य विभाग के द्वारा फोन पर सूचना देने की बात कहते है लेकिन पीड़ितों के कई परिजनों का कहना है कि स्वास्थ्य विभाग के द्वारा दिए जाने वाले दवाइयां और दिशानिर्देशों के लिए कई घण्टे इंतजार करना पड़ता है लेकिन उसके बाद भी कोई सूचना नही दी जाती या यूं कहें तो स्वास्थ्य विभाग उस मरीज के गम्भीर अवस्था मे पहुंचने का इंतजार करते है वही कन्टेनमेन जोन को लेकर भी जमकर लापरवाही देखी जा रही है जिले में कही भी संक्रमित मरीज मिलने के बाद उस एरिये या मरीज के घर को तत्काल कन्टेनमेन जोन घोषित किया जाना चाहिए ताकि इस महामारी के चपेट में अन्य लोग ना आ पाए लेकिन जिले में इसको लेकर अधिकारियों के द्वारा किसी भी प्रकार की कोई गंभीरता नजर नही आ रही है जिले नगर या ग्रामीण इलाकों में संक्रमित मरीज के परिजन बेखौफ घूमते रहते है जिससे इस बीमारी के संक्रमण बढ़ने की संभावनाएं और बढ़ जाती है जिला प्रशासन और स्वास्थ्य विभाग के द्वारा इस बीमारी को लेकर जिस तरह से लापरवाही बरती जा रही है इसके चलते जिले के कई लोगो को इसका खामियाजा भूकतना पड़ सकता है आम लोगो ने प्रदेश सरकार से अधिकारियों द्वारा बरती जा रही लापरवाहियों को संज्ञान में लेकर आवश्यक कार्यवाही तथा इस वैश्विक महामारी के बचाव को लेकर किये जा रहे उपायों को बेहतर रूप से आम जनता तक पहुंचाने अपील की है ताकि इस वैश्विक महामारी को और फैलने से रोका जा सके।
बढ़ती भीड़ पर रोक लगाना जरूरी जिले में दिन ब दिन जिस तरह से संक्रमित मरीजो में इजाफा हो रहा है बावजूद इसके बाजारों,बैंक और अन्य जगहों में अनावश्यक भीड़ बढ़ती जा रही जिससे संक्रमण बढ़ने के संभावनाएं और ज्यादा है इसको लेकर आम नागरिकों ने जिला प्रशासन से जिले में संक्रमित मरीजो की संख्या को देखते हुए कम से कम 1 हफ्ते का पूर्ण लॉकडाऊन लगाए जाने या फिर व्यापार करने के लिए दिए गए समय पर आंशिक संसोधन करने को लेकर मांग की गई है जिससे कि इस संक्रमण को और फैलने से रोका जा सके जिले में स्वास्थ्य विभाग के द्वारा जारी किए गए आकड़ो पर नजर डाले तो अभी तक कुल 527 संक्रमित मरीज मिले है जिसमे से 303 मरीज ठीक हो चुके है और 224 मरीजो का उपचार जारी है वही जिले के लिए राहत भरी बात ये है कि कोरोना से अभीतक किसी की भी मौत नही हुयी है।