कोविड-19: होम आईशोलेशन निगरानी समिति के सदस्यों का प्रशिक्षण आयोजित
सुखदेव कैवर्त
कोरबा (बरपाली) 13 सितम्बर। कोविद-19 जिला प्रशासन के निर्देशानुसार होम आइसोलेशन कलस्टर स्तरीय निगरानी समिति, पंचायत स्तरीय निगरानी समिति, ग्राम स्तरीय निगरानी समिति के सदस्यों का दो दिवसीय प्रशिक्षण का प्रारंभ 13 सितंबर 2020 को समरसता भवन बरपाली में हुआ। जिसमें ग्राम पंचायत पुरैना, जर्वे, घाठाद्वारी, दमखांचा, कराईनारा, जामपानी, साजापानी, कोथारी, नवापारा (रोगदा), रोगदा, बीरतराई, देवलापाठ, महोरा, चिचोली, पकरिया, बरपाली, सलिहाभाठा, गाड़ापाली, पठियापाली, ढोंढातराई के निगरानी समिति ने भाग लिया।
इस अवसर पर सुनील नायक अनुविभागीय अधिकारी, राजस्व कोरबा ने कहा कि निगरानी समिति के सदस्य कोरोना के फैलाव को रोकने की अहम जिम्मेदारी निभाएंगे। सर्दी, खांसी, बुखार वाले व्यकि का चिन्हांकन कर सर्वे करना है और ब्लॉक के माध्यम से जिला कंट्रोल रूम को सूचित करना है। कंट्रोल रूम द्वारा सूचना दिए जाने पर मरीज के घर का निरीक्षण करना है कि मरीज के लिए अलग से शौचालय, आवास रूम की व्यवस्था है कि नहीं। ताकि उसको होम आइसोलेशन दिया जा सके। मरीज के घर के प्रत्येक व्यक्ति को दवाई दिया जाएगा, ताकि भावी संक्रमण से रोका जा सके। आइसोलेशन किये गए परिवार से कोई भी सदस्य बाहर नहीं जायेगा। और न ही कोई अंदर जायेगा। सी एल धृतलहरे मुख्य कार्यपालन अधिकारी जनपद पंचायत करतला ने अपने उद्बोधन में कहा कि 17 दिन के लिए होम आइसोलेशन की प्रक्रिया प्रारंभ हो गयी है, वह इस महामारी की भयावहता को बताता है। कोविद-19 के सामुदायिक संक्रमण के ख़तरा की ओर संकेत करता है। अतः प्रशिक्षण को गंभीरता पूर्वक लेते हुए इस महान कार्य को निष्ठापूर्वक संपादित करना निगरानी समिति के सदस्यों का कर्तव्य है। पंच राम सलामे नायब तहसीलदार बरपाली ने कहा कि प्रशिक्षण का मूल उद्देश्य कोरोना के संक्रमण से लोगों को बचाना है। पॉजिटिव रिपोर्ट मरीज के परिवार के सभी सदस्यों को होम आइसोलेशन में रखना है। सामुदायिक संक्रमण से बचना है। मानसिक संतुलन को बनाये रखना है, लोगों का आत्मविश्वास बढ़ाना है। सार्वजनिक हैंडपम्प का इस्तेमाल नहीं करना है। मास्टर ट्रेनर डॉ शिवदयाल पटेल कार्यक्रम अधिकारी राष्ट्रीय सेवा योजना एवं सहायक प्राध्यापक हिंदी, शासकीय महाविद्यालय बरपाली, कोरबा ने होम-आइसोलेशन की प्रक्रिया की चर्चा करते हुए व्यवस्था के बारे में बताते हुए कहा कि कोरोना संक्रमित मरीज़ के लिए घर मेंअलग हवादार कमरा और अलग शौचालय का होना अनिवार्य है। परिवार के अन्य सदस्य उसके कमरे और शौचालय का उपयोग न करे। मरीज के देखभाल के लिए एक अटेंडेंट हो, जो कोविद-19 के गाइडलाइन का पालन करते हुए सेवा करे। यदि परिवार में बुजुर्ग, गर्भवती या शिशुवती माता, गंभीर बीमारी जैसे कैंसर, अस्थमा, सांस की बीमारी डायबिटीज, बीपी, ह्रदय रोग, गुर्दे की बीमारी आदि से पीड़ित सदस्य हों तो उसके संपर्क से दूर रहें। मास्टर ट्रेनर पी पटेल प्राचार्य शासकीय उच्चतर माध्यमिक विद्यालय तुमान ने होम-आइसोलेशन मरीज के लिए आवश्यक निर्देश पर संवाद स्थापित करते हुए कहा कि सबसे पहले अपने मोबाइल फोन पर ‘आरोग्य सेतु’ ऐप डाउनलोड करें और 24 घंटे ऐप पर नोटिफिकेशन और लोकेशन (जी.पी.एस.) ट्रेकिंग को ऑन रखें। ताकि कोरोना संक्रमण का अपडेट मिल सके। मॉस्क का प्रयोग नियमित रूप से करें, मरीज इस दौरान घर से नहीं निकलेगा, न कोई और व्यक्ति उनसे संपर्क करेंगे। दवाई का इस्तेमाल समय पर करे। दिन में दो बार तापमान, पल्स रेट और हीमोग्लोबिन की जांच करे। कमरे से निकले अपशिष्ट पदार्थ का निबटारा वह स्वयं पहुंच से दूर स्थल पर छह फ़ीट गड्ढा खोदकर पदार्थ डालकर चूना डालकर बाद में मिट्टी से भर दें। मास्टर ट्रेनर एस एस तोमर प्राचार्य शासकीय उच्चतर माध्यमिक विद्यालय लबेद ने बताया कि जिला स्तर पर रैपिड एक्शन फ़ोर्स का गठन किया गया है। होम आइसोलेट व्यक्ति के घर के सामने लाल स्टीकर और घर को फीते से घेरा जायेगा। उन्होंने प्राथमिक , द्वितीयक संक्रमण, अत्यधिक खतरा और कम खतरा से संभावित लोगों के बारे में बताते हुए होम आइसोलेट मरीज द्वारा भरे जाने वाले अंडरटेकिंग प्रपत्र, संलग्न -1, निजी चिकित्सक का सहमति पत्र, संमग्नक पत्र-2, मरीज द्वारा स्व-परीक्षण प्रपत्र, संलग्नक -3 को भर कर बताया। प्रशिक्षकों ने बताया कि प्रशिक्षण उपरांत सभी सदस्य गांव में सर्दी, खांसी और बुखार से पीड़ित व्यक्तियों का चिन्हांकन करेंगे और भावी संक्रमण के खतरे को ध्यान में रखते हुए उन्हें आइसोलेशन में भेजा जाएगा। प्रशिक्षण में कोविद -19 गाइडलाइन का पालन करते हुए छह फीट की दूरी, मॉस्क से नाक और मुँह को ढँकना, हैंड सेनेटाइज का पालन किया गया। संकुल शैक्षिक समन्वयक लालसिंह कंवर की प्रशिक्षण के आयोजन में महत्वपूर्ण भूमिका रही।