September 19, 2024

आरोप: छत्तीसगढ़ के सांसदों की मंत्री और अधिकारी नहीं सुनते

रायपुर 14 सितम्बर। संसद का सत्र प्रारंभ होने से पहले प्रदेश के भाजपा सांसदों का दर्द छलका है। भाजपा के सभी सांसदों का एक स्वर में कहना है, कि प्रदेश में कोरोना को लेकर स्थिति लगातार भयावह होती जा रही है। प्रदेश सरकार इसकी रोक थाम में पूरी तरह से फेल है। कहीं कोई सुनवाई नहीं है। न तो मंत्री सुनते हैं और न ही अफसर। सरकारी से लेकर निजी अस्पतालों तक सभी जगह हालत खराब है। सांसद दिल्ली में केंद्रीय मंत्री से मुलाकात कर प्रदेश की स्थिति उनके सामने रखेंगे। जनता के हित में जो संभव होगा, केंद्र से मदद की मांग की जाएगी। लोकसभा का सत्र 14 सितंबर से प्रारंभ है। इसमें शामिल होने भाजपा के कई सांसद दिल्ली पहुंच गए हैं। सत्र छोटा होने के कारण संभव हुआ तो छत्त्तीसगढ़ में कोरोना की भयावह स्थिति को सदन में रखेंगे। अगर किसी कारण से ऐसा नहीं हुआ तो अलग से स्वास्थ्य मंत्री से लेकर अन्य मंत्रियों और भाजपा के नेताओं से चर्चा करेंगे।

सिंहदेव और प्रदेश सरकार के प्रयासों को सराहा

एक तरफ जहां भाजपा के ज्यादातर सांसद प्रदेश सरकार को पूरी तरह से फेल बता रहे हैं, वहीं जांजगीर-चांपा के भाजपा सांसद गुहाराम अजगले प्रदेश सरकार के प्रयासों से अपने को संतुष्ट बताने के साथ कहते हैं, अगर आज टीएस सिंहदेव स्वास्थ्य मंत्री नहीं होते तो प्रदेश की स्थिति और ज्यादा खराब होती। अजगले कहते हैं, सिंहदेव की सोच के कारण ही आज प्रदेश में उतनी भयावह स्थिति नहीं है। वे कहते हैं, उनके क्षेत्र में तो उनकी अफसर सुनते हैं। कहीं कोई परेशानी न होने की भी बात भी वे कहते हैं।

कोई माई-बाप नहीं

राजनांदगांव के सांसद संतोष पांडेय का कहना है, राजनांदगांव, कवर्धा की स्थिति बहुत खराब है। वे कहते हैं, यही दो जिले नहीं, बल्कि वर्तमान में प्रदेश के हर जिले की स्थिति खराब है। कोई माई-बाप नहीं है, कहीं, कोई सुनने वाला नहीं है। मैंने तो मुख्य सचिव को पत्र लिखकर दो माह पहले की कुछ जानकारियां मांगी थीं, लेकिन आज तक जानकारी नहीं मिली। पांडेय कहते हैं, अफसर किसी की नहीं सुन रहे हैं। राजनांदगांव में तो जैन और सिख समाज ने क्वारेंटाइन सेंटर खोलकर लोगों की सेवा प्रारंभ की है। पांडेय का कहना है, उन्होंने सबसे पहले अपनी लोकसभा के लिए एक करोड़ सांसद निधि से दिए थे, पर कलेक्टर ने यह कहते हुए 75 लाख लौट दिए कि 25 लाख से ज्यादा नहीं ले सकते।

राजधानी का बुरा हाल

रायपुर के सांसद सुनील सोनी का कहना है, राजधानी रायपुर में सबसे ज्यादा मरीज सामने आ रहे हैं। यहां पर बहुत बुरी स्थिति है। ऐसे में बाकी स्थानों की स्थिति को आसानी से समझा जा सकता है। प्रदेश सरकार पूरी तरह से फेल है, कुछ नहीं किया जा रहा है। उन्होंने कहा, प्रदेश के सभी भाजपा सांसद केंद्र सरकार को प्रदेश की स्थिति बताते हुए और भी जो संभव मदद होगी, उसकी मांग रखेंगे। सोनी का कहना है, वैसे केंद्र सरकार से पर्याप्त मदद मिली है, पर प्रदेश सरकार की व्यवस्था ठीक न होने के कारण कोरोना से प्रभावितों को परेशानी का सामना करना पड़ रहा है।

प्राइवेट अस्पतालों की मनमानी

दुर्ग के सांसद विजय बघेल का कहना है, कहीं कोई व्यवस्था नहीं है। निजी अस्पतालों को तो मनमर्जी करने की छूट खुद प्रदेश सरकार ने देकर रखी है। इनके लिए जो रेट तय किया गया है, वह बहुत ज्यादा है। सरकारी अस्पतालों की स्थिति यह है कि कहीं ऑक्सीजन नहीं है तो कहीं सिटी स्कैन की व्यवस्था नहीं है, कहीं वेंटिलेटर नहीं है। विजय बघेल का कहना है, सच्चाई यह है कि प्रदेश सरकार को जनता से कोई मतलब नहीं है। सरकार तो बस शराब बेचने में लगी है। महासमुंद के सांसद चुन्नीलाल साहू कहते हैं, अब तो गांवों तक कोरोना का कहर फैल गया है। शासन प्रशासन में कोई सुनवाई नहीं है। साभार

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