जिले में लॉकडाऊन रहा बेअसर,संक्रमितों की संख्या में रोज हो रहा है इजाफा,आम नागरिक इस बार सख्त लॉक डाऊन लगाने की कर रहे हैं मांग !
शुभांशु शुक्ला
मुंगेली। 23 सितंबर 2020 पूरे प्रदेश में जिस तरह कोरोना अपना कहर बरपा रही है इससे शासन-प्रशासन की रातों की नींद उड़ी हुई है और यही वजह है कि इस बीमारी के संक्रमण को रोकने सरकार द्वारा कई बैठके लेकर जिले के कलेक्टरों को अपने जिलों की स्थिति को देखते हुए कार्य करने का निर्देश दिया गया है,जिसके बाद प्रदेश के कई जिलों में जिला प्रशासन के द्वारा एक बार फिर लॉकडाऊन का फैसला लिया गया। वहीं मुंगेली जिले में भी इस महामारी से रोज दर्जनों लोग संक्रमित हो रहे हैं जिसे रोकने 17 सितम्बर से 23 सितंबर की मध्य रात्रि तक जिले में लॉकडाऊन जिला प्रशासन द्वारा लागू किया गया था। लेकिन आम लोगो का कहना है कि जिला प्रशासन के द्वारा लगाया गया ये लॉकडाऊन केवल औपचारिकता निभाने के लिए ही लगाया गया है।
इस लॉकडाऊन के घोषणा करने के बाद जिले के कलेक्टर सहित तमाम जिम्मेदार अधिकारी चद्दर तान के सोते नजर आए और लॉकडाऊन के दौरान भी रोज जांच के दौरान दर्जनों की तादात में संक्रमित मरीज निकल कर सामने आ रहे हैं, तो ऐसे लॉकडाऊन का क्या मतलब जिसको लेकर किसी के मन मे कोई खौफ नही आम लोग तो अपने घरों से निकलकर सड़को पर इस तरह घूम रहे है जैसे मानो उन्हें आज ही आजादी मिली है घूमने की।
जिला प्रशासन के द्वारा आमलोगों को जागरूक करने भले कितनो प्रयास किये है लेकिन सभी प्रयास “भैंस के आगे बिन बजाए और भैंस रहे पगुराय” जैसे कहावतों को चरितार्थ करते नजर आया। प्रदेश में राजधानी रायपुर और न्यायधानी बिलासपुर में जिस तरह से जिला प्रशासन और पुलिस प्रशासन के द्वारा सख्ती दिखाई जा रही इसी का परिणाम है कि आम लोगो में कार्यवाही का भय नजर आ रहा है और आमलोग अपने घरों दुपके पड़े है अन्य जिलों के इसी तरह के कार्यो को संज्ञान में लेते हुए मुंगेली जिले में जिला प्रशासन के द्वारा लॉक डाऊन की अवधि को बढ़ाते हुए थोड़ी सख्ती बरते और बन्द के दौरान सड़को पर अनावश्यक घूमने तथा लापरवाही करने वाले लोगो के खिलाफ कार्यवाही करें साथ ही अन्य जिलों की तरह व्यावसायिक प्रतिष्ठानों और दुकानों को खोलने या बन्द करने के नए दिशा निर्देश जारी करे। तब जाकर लॉक डाऊन सफल होगा और आमलोगों के घर से बाहर नही निकलने के चलते कोरोना महामारी को फैलने से रोका जा सकेगा।