September 20, 2024

कोरोना: झूठे मेडिकल बुलेटिन जारी कर रही छत्तीसगढ़ सरकार- धरमलाल कौशिक

धरम लाल कौशिक ने सरकार को कोरोना मैनेजमेंट में फेल बताया
नेता प्रतिपक्ष हैं धरमलाल कौशिक, कोरोना संक्रमितों की मौत के आंकड़े छुपाने का लगाया आरोप
केन्द्रीय स्वास्थ्य मंत्री डॉ हर्ष वर्धन भी छत्तीसगढ़ के हालत पर जत चुके हैं गंभीर चिंता

रायपुर 8 नवम्बर। भारतीय जनता पार्टी के नेता और प्रदेश विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष धरमलाल कौशिक ने बड़ा दावा किया है। कौशिक कह रहे हैं कि प्रदेश सरकार कोरोना से जुड़ी जो मेडिकल बुलेटिन जारी करती है, वह झूठी है। उन्होंने कहा कि केन्द्रीय स्वास्थ्य मंत्री ने भी कोरोना को लेकर छत्तीसगढ़ के हालत पर चिंता व्यक्त की है। पहले हर दिन विभाग द्वारा मेडिकल बुलेटिन जारी किया जाता था और जिलेवार कितनी मृत्यु कोरोना से हुई है, यह आंकड़ा दिया जाता था । लेकिन 10-12 दिन से जो बुलेटिन जारी हो रहे हैं, उसमें यह बताया जा रहा है कि पिछले 24 घंटे में और पुराने दिनों में कितनी मृत्यु हुई है।

कौशिक ने पूछा कि प्रदेश की सरकार कोरोना से होनी वाली मृत्यु को क्यों छुपाना चाह रही थी, क्यों सरकार इन्हें रिपोर्ट में शामिल नहीं कर रही थी। जिन अधिकारियों ने पहले रिपोर्ट दी क्या उन्होंने गलत रिपोर्ट दी है या सरकार के बड़े अधिकारियों के निर्देश पर कोरोना से होने वाली मृत्यु को नहीं जोड़ा है। अगर ऐसा है तो सरकार, गलत जानकारी देने वालों पर क्या कार्रवाई करेगी। प्रदेश में कोरोना से कुल संक्रमितों की संख्या में छत्तीसगढ़ देश में 14वें स्थान पर है। बुलेटिन सरकार की तरफ से जारी किया गया एक शासकीय दस्तावेज था उसमें झूठी जानकारी देना निश्चित तौर पर जनता को गुमराह करने का आपराधिक काम है।

सरकार का दावा हम कुछ नहीं छुपाते
हाल ही में कुछ मीडिया रिपोर्ट्स में भी सरकार के द्वारा बताए जा रहे आंकड़ों पर सवाल उठे। स्वास्थ्य विभाग ने इस मामले में कहा कि राज्य के सभी अस्पतालों एवं स्वास्थ्य अधिकारियों को कोरोना संक्रमण से हुई मृत्यु के आंकड़े शासन स्तर पर तत्काल भेजने के निर्देश समय पर दिए जाते हैं। लेकिन अस्पतालों द्वारा समय पर दस्तावेज उपलब्ध न कराए जाने के कारण भी जानकारी मिलने तथा उसकी पुष्टि करने में देर होती है। मीडिया बुलेटिन में मृत्यु की जानकारी ,जिलों से प्राप्त जानकारी एवं संबंधित दस्तावेजों से पुष्टि के बाद प्रकाशित की जाती है। जैसे-जैसे संबंधित जिलों से मृत्यु की जानकारी मिलती है उसे मीडिया बुलेटिन में शामिल किया जाता है। विभाग द्वारा मृत्यु के आंकड़े छुपाए नही जा रहे बल्कि जानकारी प्राप्त होने के बाद उन्हें बुलेटिन में शामिल किया जाता है।

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