November 25, 2024

महाराष्ट्र में होगा “खेला” गृहमंत्री देशमुख को लेकर तीनो घटक दल शिवसेना, कांग्रेस और एनसीपी का अलग अलग रुख, गठबंधन में फूट के आसार

■अमित शाह और एनसीपी के दिग्गज नेता अहमदाबाद में मिले,राजनीति में सरगर्मी तेज

मुम्बई; महाराष्‍ट्र के गृहमंत्री अनिल देशमुख को लेकर महा विकास अघाड़ी में फूट पड़ती नजर आने लगी है। इस मुद्दे पर गठबंधन के तीनों घटक दल- शिवसेना, कांग्रेस और एनसीपी अलग-अलग रुख अपना रहे हैं।
गौरतलब हैं कि केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह एवं राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी के दिग्गज नेता की अहमदाबाद में हुई मुलाकात से राजनीतिक सरगर्मियां तेज हो गई है। होली पर्व के 1 दिन पहले देश की राजनीति के दो दिग्गज बड़े नेताओं की गुप्त मुलाकात महाराष्ट्र की राजनीति में आने वाले समय में बड़े फेरबदल के संकेत दे रही है।
हालांकि दोनों ही पक्ष इस मुलाकात की पुष्टि नहीं कर रहे हैं तथा इस बैठक के बारे में कोई औपचारिक सूचना भी नहीं दी गई हैं.
तो दूसरी तरफ गठबंधन का प्रमुख दल शिवसेना ने अपने मुखपत्र ‘सामना’ में अनिल देशमुख को लेकर सवाल किए तो वहीं पूर्व कांग्रेस सांसद संजय निरुपम ने भी अपना बयान दिया।
संजय निरुपम ने ट्वीट कर लिखा, शिवसेना ने महाराष्ट्र के गृह मंत्री के चाल-चलन पर शक जाहिर किया है। राष्ट्रवादी कांग्रेस के मुखिया कह चुके है कि गृह मंत्री के भविष्य का फैसला मुख्यमंत्री करें। मुख्यमंत्री शिवसेना के हैं और मौन साधे हैं।फिर एक्शन लेने से मुख्यमंत्री को किसने रोक रखा है?
शिवसेना ने अपने मुखपत्र ‘सामना’ में अनिल देशमुख को फटकार लगते हुए लिखा है कि ‘अनिल देशमुख ने कुछ वरिष्ठ अधिकारियों से बेवजह पंगा लिया।’ एंटीलिया केस में गिरफ्तार हो चुके मुंबई पुलिस के अधिकारी सचिन वाजे को लेकर राउत ने लिखा, ‘वझे महज एक सहायक पुलिस निरीक्षक था। उसे मुंबई पुलिस का असीमित अधिकार किसके आदेश पर दिया यह वास्तविक जांच का विषय है। मुंबई पुलिस आयुक्तालय में बैठकर वझे वसूली कर रहा था और गृहमंत्री को इस बारे में जानकारी नहीं होगी?’
सामना में आगे लिखा गया कि गृहमंत्री को कम-से-कम बोलना चाहिए। बेवजह कैमरे के सामने जाना और जांच का आदेश जारी करना अच्छा नहीं है। संदिग्ध व्यक्ति के घेरे में रहकर राज्य के गृहमंत्री पद पर बैठा कोई भी व्यक्ति काम नहीं कर सकता है। पुलिस विभाग पहले ही बदनाम है। उस पर ऐसी बातों से संदेह बढ़ता है। पुलिस विभाग का नेतृत्व सिर्फ ‘सैल्यूट’ लेने के लिए नहीं होता है।

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