November 22, 2024

कोरोना ने युवा डॉक्टर दीपक की जीवन ज्योति हमेशा के लिए बुझा दी

■ कोरोना वारियर्स की मौत बीमारों की सेवा करते-करते हो गई।

इंदौर 11 अप्रेल। आज जो चिकित्सक, नर्स या कोविड सेंटर के स्टाप कोरोना पीड़ितों का इलाज कर रहे है, वे अपनी जान को जोखिम में डालकर सही मायने में मानव सेवा कर रहे हैं.तो दूसरी तरफ ऐसे भी लोग हैं जो कोरोना को मजाक में ले रहे हैं और अपनी जान के साथ साथ दुसरो की जान भी जोखिम में डाल रहे हैं. ऐसे लापरवाह लोग न ही मास्क पहन रहे हैं और न ही हाथ धोने या सेनेटाइज करने में भरोसा करते.

दरअसल यह दो प्रकार का जिक्र इसलिए किया गया क्योंकि देश मे कोरोना की दूसरी लहर ने हाहाकार मचा रखा हैं. और सबसे ज्यादा जोखिम पूर्ण कार्य चिकित्सको व अस्पताल स्टाप के लिए हो गया हैं जो अपनी जान जोखिम में डाल कर निस्वार्थ दूसरों की जान कोरोना से बचाते बचाते स्वयं कोरोना की चपेट में आ जा रहे है.तेजी से फैलते कोरोना वायरस की दूसरी लहर में फिर एक बार ऐसे लोगों को अपना शिकार बनाना शुरू किया जो कि खुद कोविड के मरीजों का इलाज पिछले काफी समय से अपनी जान हथेली पर रखकर कर रहे थे। ऐसा ही एक मामला इंदौर के महात्मा गांधी मेमोरियल मेडिकल कॉलेज के एमबीबीएस डॉक्टर का सामने आया युवा डॉक्टर कोरोना की चपेट में आकर मौत के मुंह में चला गया।
सूत्रों से जानकारी मिली है कि डॉक्टर के बीमार होने पर उसको ठीक से इलाज नहीं मिल पाया हालांकि डॉक्टर तो दुनिया से चले गए लेकिन कई सवाल इंदौर के सरकारी अस्पतालों पर छोड़ गए। मृतक दीपक सिंह जोकि इंदौर के महात्मा गांधी मेमोरियल मेडिकल कॉलेज के एमबीबीएस के छात्र थे। कोरोना वायरस ने अपनी जद में लेते हुए उस डॉक्टर को उनकी आखिरी मंजिल तक पहुंचा दिया।

कोरोना वायरस से शनिवार को एमवाय अस्पताल के डॉक्टर दीपक सिंह की मौत हो गई। दीपक एमवाय अस्पताल में मेडिकल ऑफिसर के पद पर पदस्थ थे और सुपर स्पेशलिटी अस्पताल में कोविड मरीजों का उपचार कर रहे थे। दीपक द्वारा अपनी बीमारी की जानकारी बड़े डॉक्टर्स को दी गई और कुछ जांच करने के बाद दीपक को भर्ती किया गया जहां उसे ठीक से इलाज ना मिलने की जानकारी सामने आई हालांकि इलाज ठीक नही मिलने की बात अस्पताल के अधीक्षक या ओर अन्य स्वास्थ से जुड़े अधिकारी कैमरे के सामने कहने से बचते रहे।

मृतक दीपक कोरोना मरीजों के उपचार के दौरान ही वे संक्रमण का शिकार हो गए थे। शनिवार को उनकी मौत हो गई। उनकी मौत के बाद अन्य डॉक्टरों ने प्रदेश सरकार पर लापरवाही के आरोप लगाते हुए सोशल मीडिया पर रोष व्यक्त किया है। आपको बता दें कि इंदौर के रहने वाले डॉक्टर दीपक सिंह एमजीएम मेडिकल कॉलेज की 2010 बैच से एम बी बी एस पॉसआउट थे। उनकी बैच के अन्य डॉक्टरों ने सोशल मीडिया पर लिखा कि कोरोना वारियर्स की मौत बीमारों की सेवा करते-करते हो गई।

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