पेशा कानून पर अमल करने की मांग, सर्वआदिवासी समाज ने किया नाकेबंदी
कोरबा 31 अगस्त। पेशा कानून, पांचवीं अनुसूची को जिलेभर में प्रभावी ढंग से लागू करने समेत 11 सूत्रीय मांग लेकर सर्व आदिवासी समाज द्वारा ग्राम जेंजरा बाइपास मार्ग में धरना प्रदर्शन कर आर्थिक नाकेबंदी की गई। दो घंटे चले आंदोलन के बाद प्रशासन व पुलिस की समझाइश उपरांत खत्म कर दिया गया। इस दौरान मुख्यमंत्री के नाम प्रशासनिक अधिकारियों को ज्ञापन सौंपा गया।
सर्वआदिवासी समाज ने प्रशासन को पत्र सौंप कर अपनी मांग रखते हुए पहले ही आर्थिक नाकेबंदी की चेतावनी दी थीए पर प्रशासन स्तर पर कोई वार्ता नहीं की गई। इस पर सोमवार को प्रमुख नेताओं की अगुवाई में समाज के लोगों ने बाइपास मार्ग में धरना प्रदर्शन करते हुए आर्थिक नाकेबंदी कर दी। इस दौरान 11 सूत्रीय मांग पत्र भी रखा। इसमें आरक्षण में आदिवासी समाज को प्रमुखता देने, कटघोरा अनुविभाग को जिले का दर्जा देने समेत अन्य मु्द्दे शामिल हैं। सर्व आदिवासी समाज के प्रमुख व सिरली पंचायत के सरपंच सेवकराम मरावी ने प्रदेश व केंद्र सरकार पर आदिवासी समाज की अनदेखी करने का आरोप लगाते हुए कहा कि समाज की तस्वीर और दशा दिशा बदलने के लिए उनके समाज ने सरकार ही बदल दिया। उन्हें उम्मीद थी कि पुरानी सरकार के उलट कांग्रेस की नई सरकार क्षेत्र के आदिवासियों की सुध लेगीए लेकिन सत्ता में बैठे ढाई साल से ज्यादा समय बीत चुका है। बावजूद समुदाय के हितकारी ज्वलंत मांग और मुद्दों पर किसी तरह की कार्रवाई नही की गई। आदिवासी समुदाय अपने आपको ठगा सा महसूस कर रहा है। उन्होंने कहा कि उर्जाधानी कोरबा जिला में आदिवासी सबसे ज्यादा उपेक्षित है। मांगों के पूरा नही होने की दशा में पैदल ही रैली के रूप में हजारों आदिवासी भाई.बहनों के साथ राजधानी कूच किया जाएगा। प्रदर्शन के दौरान काफी संख्या में आदिवासी संगठन से जुड़े नेताए कार्यकर्ताए समाजसेवीए महिलाएं व युवा शामिल हुए। इस दौरान कानून व्यवस्था के मद्देनजर मौके पर बड़ी संख्या में पुलिस बल की तैनाती की गई। साथ ही कटघोरा समेत बांगोए पाली के थाना प्रभारी भी तैनात रहे।
वरिष्ठ आदिवासी नेता श्यामलाल मरावी ने कहा कि समाज का यह आंदोलन स्थानीय नही बल्कि राज्यव्यापी है, सभी 32 जिलो में आदिवासी समाज अपने अधिकारों के लिए आंदोलनरत है। सरकार पर वादा खिलाफी का आरोप लगाते कहा कि चुनाव से पहले बड़ी-बड़ी घोषणाएं की गई थी। प्रदेशभर के अनूसूचित क्षेत्रों में पेशा एक्ट को लागू करने, पांचवीं अनुसूची को प्रभावशील करने की बात हुई थी, लेकिन ऐसा नही हुआ। रेत खदानों के आबंटन पर भी पंचायतों के अधिकारों पर उन्होंने कटाक्ष किया। जनपद पंचायत कटघोरा के उपाध्यक्ष रामप्रसाद कोर्राम ने आदिवासीजनों के विकास और कल्याण के लिए कटघोरा को जिला का दर्जा देने के साथ ही जेंजरा चौक को रानी दुर्गावती चौके के तौर पर अधिकारिक घोषणा कर यहां उनकी प्रतिमा स्थापित कराने की मांग की। सर्व आदिवासी समाज द्वारा बाईपास चौक में आर्थिक नाकेबंदी किए जाने से कामर्शियल भारी वाहनों की आवाजाही थम गई और मार्ग में दोनों तरफ वाहनों की कतार लग गई। दो घंटे बाद पुलिस व प्रशासन की समझाइश के बाद आंदोलन समाप्त किए जाने पर आवागमन पुनः शुरू हो सका।