November 21, 2024
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(8 फरवरी 2022)

दिखने लगा राहुल के भाषण में वजन

अनिरुद्ध दुबे

लोकससभा के चल रहे बजट सत्र एवं पांच राज्यों में होने जा रहे विधानसभा चुनाव की अति व्यस्तता के बीच राहुल गांधी दो योजनाओं के शुभारंभ एवं दो योजनाओं के शिलान्यास हेतु रायपुर आने समय निकाल ही लिए। राहुल गांधी कुछ देर के लिए एक होटल भी गए जहां मुख्यमंत्री भूपेश बघेल के बेटे की शादी की तैयारियां चल रही थीं। राहुल ने बघेल परिवार को बधाई दी एवं वहां तस्वीरें भी खिंचवाईं। साइंस कॉलेज के मैदान में राहुल गांधी की इस बार की स्पीच अलग हटकर थी। यूं कह लें उनके भाषण की धार अब तेज होती जा रही है। पहले की तरह नहीं, जैसा कि वे 2014 के लोकसभा चुनाव के समय राजधानी रायपुर के इंडोर स्टेडियम में स्पीच दिए थे। अपनी तब की स्पीच में राहुल ने छत्तीसगढ़ के नेताओं एवं कार्यकर्ताओं से आह्वान किया था कि “जाओ और छत्तीसगढ़ की 11 की 11 लोकसभा सीटें जीतकर लाओ।“ वह उनका कमजोर भाषण था। हालांकि 2014 के बाद भी रायपुर में राहुल का भाषण हुआ था। रही बात इस बार के भाषण की तो वह सधा हुआ था। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी का सीधे नाम लेते हुए वे ज़्यादा कुछ नहीं बोले लेकिन संघ एवं भाजपा का नाम लेकर काफी कुछ बोल गए। मंच से ही उन्होंने कहा कि “राजीव गांधी ग्रामीण भूमिहीन कृषि मजदूर न्याय योजना की राशि 6 हजार सलाना काफी कम है, बघेल जी इसे थोड़ा बढ़ा दीजिए।“ राहुल गांधी के इस कथन से उनकी अंतिम पंक्ति के व्यक्ति के प्रति जो चिंता है वह झलकी। राहुल के पहले के हिन्दी के भाषणों में कई जगहों पर अंग्रेजी के शब्द घुस आया करते आते थे। इस बार उन्होंने कम से कम अंग्रेजी शब्दों का इस्तेमाल किया।

भूपेश के नाम लेने का क्रम

राजीव गांधी ग्रामीण भूमिहीन कृषि मजदूर न्याय योजना के शुभारंभ अवसर पर ख़ास बात यह देखने में रही कि मंच पर ज़्यादा लोगों के भाषणबाजी की गुंजाइश नहीं रखी गई थी। दर्शक दीर्घा में बैठे लोगों का समय आसानी से कट सके को ध्यान में रखते हुए भाषण से पहले छत्तीसगढ़ी गीत-संगीत का कार्यक्रम रखा गया था। संबोधन केवल राहुल गांधी एवं भूपेश बघेल का हुआ। संक्षेप में स्वागत भाषण राजस्व मंत्री जयसिंग अग्रवाल का रहा। वहीं आभार प्रदर्शन स्वास्थ्य मंत्री टी.एस. सिंहदेव ने किया। इस तरह के बड़े राजनीतिक कार्यक्रमों पर बारीक नज़र रखने वाले कुछ लोगों के मन में जिज्ञासा थी कि मुख्यमंत्री भूपेश बघेल अपना भाषण शुरु करते समय मंच पर बैठे लोगों का जब नाम लेंगे तो क्रम कैसा होगा। बघेल ने सबसे पहले राहुल गांधी, दूसरा ताम्रध्वज साहू, तीसरा रविन्द्र चौबे, चौथा टी.एस. सिंहदेव फिर बाक़ी अन्य लोगों का नाम लिया। बघेल जब अपना संबोधन दे रहे थे तब टी.एस. सिंहदेव कुछ मिनटों के लिए राहुल गांधी के बगल वाली सीट पर जाकर बैठे। मुख्यमंत्री के चलते भाषण के बीच सिंहदेव एवं राहुल के बीच संक्षेप में बातचीत होते दिखी। इस बातचीत का लोग अपने-अपने ढंग से अर्थ लगाते रहे।

मूणत को गुस्सा
क्यों आता है?

बरसों पहले मशहूर अभिनेता नसीरुद्दीन शाह की एक फ़िल्म आई थी ‘अल्बर्ट पिंटो को गुस्सा क्यों आता है?‘ सुनने में यह टाइटल ज़रूर अजीब लगता है, लेकिन सुधी दर्शकों का मानना है ‘अल्बर्ट पिंटो…’ कमाल की फ़िल्म थी। अल्बर्ट पिंटो के गुस्से के पीछे वज़ह वर्तमान कष्टदायी व्यवस्था थी, लेकिन हाल ही में पूर्व मंत्री एवं वरिष्ठ भाजपा नेता राजेश मूणत के गुस्से के पीछे का कारण राहुल गांधी थे। राहुल और राजेश भले ही एक राशि वाले हों लेकिन स्वभाव में भिन्नता तो होती ही है। एक वीडियो सोशल मीडिया में जमकर वायरल हो रहा है जिसमें राजेश मूणत अपने सहयोगियों के साथ सड़क के किनारे खड़े हैं और सामने बैठे पुलिस अफ़सर पर बरस रहे हैं। यह कहते हुए कि “क्या है राहुल गांधी… अरे छोड़ो यार… हमने भी 15 साल राज किया है।“ इस लाइन के बाद गालियां भी सुनने मिल जाती हैं। ज़्यादा दिन नहीं हुए जब एक पूर्व मंत्री भैयालाल राजवाड़े का भी वीडियो जारी हुआ था। वीडियो में राजवाड़े सड़क के किनारे लगी एक छोटी सी दुकान के दुकानदार पर बरसते नज़र आ रहे थे। राजवाड़े के वीडियो में भी गाली का इस्तेमाल होते साफ दिखा था। वैसे मूणत वाले वीडियो में जो भी नज़र आया लोग उसकी अपने-अपने ढंग से मीमांसा कर रहे हैं। कुछ लोगों का मानना है कि मूणत ने कहा 15 साल हमने भी राज किया, इस बात में सच्चाई तो है। मंत्री पद की कुर्सी से उतरे भले ही 3 साल से ऊपर हो चुके, लेकिन 15 साल का सत्ता का नशा जिन लोगों पर भी रहा हो, उसे उतरने में समय तो लगेगा ही।

एजाज़ का मतलब

रायपुर महापौर एजाज़ ढेबर के नाम में ऐसा आकर्षण नज़र आने लगा है कि लोग अब उसका अर्थ खोजने एवं समझने में लगे हुए हैं। पूर्व मंत्री एवं विधायक अजय चंद्राकर ने भी एजाज़ शब्द को जानने और समझने की कोशिश की। मीडिया के साथियों से अजय चंद्राकर ने कहा कि “एजाज़ का मतलब होता है चमत्कार। समझ में यही आता है कि इस समय रायपुर ही नहीं पूरे छत्तीसगढ़ में चमत्कारिक राज चल रहा है।“

छोटे बजट सत्र को लेकर
कुछ भीतर ही भीतर खुश

छत्तीसगढ़ विधानसभा का बजट सत्र 7 मार्च से शुरु होने जा रहा है, जो कि 25 मार्च तक चलेगा। कुल 13 बैठकें होंगी। छत्तीसगढ़ राज्य बनने के बाद यह पहला अवसर है जो कि बजट सत्र इतना छोटा रखा गया है। इससे पहले के बजट सत्रों में 20 से ऊपर ही बैठकें रखी जाती रही थीं। बजट सत्र की अधिसूचना जारी होने के साथ ही विधायकों की ओर से प्रश्न लगने शुरु हो गए हैं। माना जा रहा है कि बजट सत्र जो छोटा रखा गया है उस पर विपक्षी भाजपा विधायक दल की ओर से आपत्ति दर्ज कराई जा सकती है। विपक्ष की ओर से यह कहा जा सकता है कि प्रदेश की जनता से जुड़े मुद्दों पर चर्चा करने सत्र लंबा रखा जाना चाहिए। दूसरी तरफ दबे हुए स्वर में यह भी सुनने में आ रहा है कि इस छोटे सत्र को लेकर अधिकांश विधायकों में प्रसन्नता है, जिसे वे खुले तौर पर जाहिर नहीं कर रहे हैं। इन विधायकों का मानना है कि लंबा सत्र उबाऊ रहता है। फिर बजट पेश होने के बाद अलग-अलग विभागों की अनुदान मांगों पर चर्चा के लिए सात से आठ दिन का समय पर्याप्त है।

संत का नया कर्म

वो समय गया जब आईएएस या आईपीएस अफ़सर रिटायरमेंट के बाद किताबें लिखकर या पढ़कर या फिर पर्यटन स्थलों का भ्रमण कर समय गुजारा करते थे। अब तो सेवानिवृत्ति हुई नहीं कि अधिकांश योग्य आला अफ़सरों को संविदा में सरकारी काम मिल जाता है। कुछ अफ़सर ऐसे भी होते हैं जो संविदा की अवधि पूरी होने के बाद भी किसी दूसरे चुनौतीपूर्ण क्षेत्र में हाथ आजमाने के लिए निकल जाते हैं। रिटायर्ड आईपीएस संत कुमार पासवान को ही लें। वे छत्तीसगढ़ में डीजीपी होम गार्ड पद से रिटायर हुए थे। रिटायरमेंट के बाद उनका संविदा का दौर चला। संविदा वाले काम से मुक्त होने के बाद भी वे चैन से नहीं बैठे। अब वे बिलासपुर हाईकोर्ट में प्रेक्टिस करने लगे हैं। राजधानी रायपुर के उनके बंगले में नाम के साथ अधिवक्ता वाली पट्टिका भी टंग गई है। दरअसल तीन दिग्गजों का ग्रुप है। एक पासवान जी, दूसरे अखिल कुमार सामंत रे एवं तीसरे एम.के. त्यागी। तीनों मिलकर हाईकोर्ट की प्रेक्टिस कर रहे हैं। रे साहब जहां रिटायर्ड जज हैं, वहीं त्यागी जी रिटायर्ड आईएएस। यहां आपको बता दें पासवान छत्तीसगढ़ राज्य बनने से पहले रायपुर, बिलासपुर एवं राजनांदगांव जिले में एसपी रहे थे।

कारवां @ अनिरुद्ध दुबे, सम्पर्क- 094255 06660

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