July 7, 2024

अपेक्षाओं की कसौटी पर पूणतः निराशाजनक – दीपेश मिश्रा

आम बजट


कोरबा। वित्त मंत्री सीतारमण ने आम बजट प्रस्तुत किया जिसमें न महंगाई पर बात हुई और न ही 48 करोड़ असंगठित मजदूरों पर कोई चर्चा हुई कुल मिलाकर आम बजट निराशाजनक रहा । एटक के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष दीपेश मिश्रा ने आज के बजट पर अपनी प्रतिक्रिया देते हुए कहा कि अक्सर आम बजट वर्तमान परिस्थितियों को देखकर बनाया जाता है।वर्तमान परिस्थिति मे कठिन तथा व्यवहारिक निर्णय लेने की आवश्यकता थी लेकिन बजट में ऐसा नहीं किया गया।
देश की सबसे बड़ी समस्या बेरोजगारी है जो कि 8 फीसदी से ज्यादा है लेकिन सरकार बजट मे इससे निपटने के ठोस उपाय बताने मे असफल रही वहीं बढ़ती मंहगाई को काबू करने के मोर्चे मे सरकार पूरी तरह मात खा गई है लगभग 8 साल बाद वेतन भोगियों को आयकर मे छूट का निर्णय अच्छा है।बजट मे 48 करोड़ असंगठित मजदूरों के लिए कुछ भी नहीं है तथा बजट मे आर्थिक सुस्ती को सुधारने के लिए जो उपाय किए जाने चाहिए थे,उन्हें पूरी तरह नजरअंदाज किया गया कुल मिलाकर यह बजट अपेक्षाओं की कसौटी पर पूणतः निराशाजनक है।

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