December 24, 2024

UP में IPS की गुंडागर्दी.. 6 लाख रुपये रिश्वत नहीं देने पर व्यापारी को मरवा दी गोली

महोबा के कबरई इलाके में तनाव को देखते हुए पांच थानों का पुलिसबल और पीएसी की तैनाती की गई है। गृह विभाग ने भ्रष्टाचार के आरोपों की पुष्टि के बाद आईपीएस मणिलाल को निलंबित किया था। पुलिस की कड़ी सुरक्षा में व्यापारी का अंतिम संस्कार किया गया, मामले पर अफसर बोलने को तैयार नहीं।

महोबा। उत्तर प्रदेश में भ्रष्टाचार इस कदर है कि महोबा जिले के पुलिस अधीक्षक और आईपीएस अधिकारी मणिलाल पाटीदार ने हर महीने छह लाख रूपये की घूस ना देने पर एक व्यापारी की हत्या पुलिसकर्मियों से करवा दी।

उत्तर प्रदेश के महोबा जिले में 8 सितंबर को गोली लगने से घायल कबरई के क्रशर कारोबारी इंद्रकांत त्रिपाठी की रविवार रात मौत हो गई। उनका कानपुर के रीजेंसी अस्पताल में इलाज चल रहा था। बीते 7 सितंबर को इंद्रकांत ने वीडियो जारी कर तत्कालीन एसपी मणिलाल पाटीदार पर अवैध वसूली और हत्या करा देने की आशंका जाहिर की थी। अगले दिन वह अपनी कार में घायल मिले थे। उनके गले में गोली लगी थी। इसके बाद गृह विभाग ने आईपीएस मणिलाल को निलंबित कर दिया था। उन पर हत्या के प्रयास का केस भी दर्ज है। अब इस मामले में राजनीति शुरू हो गई है। साथ ही व्यापारी के परिजन ने अब आरोपी आईपीएस पर हत्या का केस दर्ज करने की मांग की। इस हत्याकांड के बाद व्यापारी की भतीजी ने भी एक वीडियो वायरल कर आरोपी आईपीएस से जान का खतरा बताया।

कड़ी सुरक्षा में अंतिम संस्कार

रविवार देर रात व्यापारी का शव कानपुर से महोबा भेजा गया। सुबह अंतिम संस्कार की तैयारियों की गई। अंतिम यात्रा में शहर के व्यापारी शामिल हुए। परिजनों का कहना है कि आईपीएस मणिलाल पाटीदार के साथ नगर कोतवाली थाने का सिपाही अंकित सिंह राजावत भी शामिल है। आक्रोश को देखते हुए पुलिसकर्मी मुस्तैद हैं। चित्रकूट मंडल के आईजी सत्यनारायण, डीएम अवधेश कुमार लगातार स्थिति पर नजर बनाए हुए हैं। करीब 5 थानों का पुलिसबल मौके पर लगाया गया है।

क्रशर कारोबारी इंद्रकांत त्रिपाठी

क्या है पूरा मामला

बीते 7 सितंबर को कबरई के क्रशर और विस्फोटक व्यापारी इंद्रकांत ने तत्कालीन एसपी मणिलाल पाटीदार पर उसे प्रताड़ित करने और हर महीने 6 लाख रुपए रिश्वत मांगने का गंभीर आरोप लगाया था। उन्होंने सीएम को पत्र भी लिखा था। साथ ही वीडियो वायरल करके तत्कालीन एसपी द्वारा मिल रही धमकियों का भी जिक्र किया था। यहीं नहीं, उन्होंने अपनी हत्या की आशंका भी जताई थी। 8 सितंबर को कार में व्यापारी इंद्रकांत घायल पड़े मिले थे। उन्हें गले में गोली लगी थी। तब उन्हें कानपुर के रीजेंसी अस्पताल में भर्ती कराया गया था। उनकी स्थिति दिन-ब-दिन बिगड़ती चली गई। रविवार सुबह से ही उनकी तबीयत कुछ ज्यादा ही खराब हो गई। देर शाम उन्होंने हॉस्पिटल में दम तोड़ दिया।

15 घंटे बाद भी नहीं दर्ज हुआ हत्या का मुकदमा

परिजन की नाराजगी पुलिसवालों से बनी हुई है। उनका कहना है कि 15 घंटे बीत जाने के बाद भी पुलिस ने हत्या का केस दर्ज नहीं किया। उन्होंने कहा कि हमें न्याय चाहिए। एक आईपीएस ने अवैध वसूली के लिए इंद्रकांत की हत्या करवाई है। वहीं, इस मामले में कोई भी अधिकारी बोलने को तैयार नहीं है।

Spread the word