November 21, 2024

साल में सिर्फ एक दिन दर्शन देते हैं श्री नागचन्द्रेश्ववर

उज्जैन 20 अगस्त। यहां महाकाल मंदिर परिसर में स्थापित श्री नागचन्द्रेश्ववर मंदिर के पट साल में एक बार 24 घंटे के लिए सिर्फ नागपंचमी के दिन ही खुलते है। महाकाल मंदिर के गर्भगृह के उपर ओंकरेश्वर मंदिर और उसके भी शीर्ष पर श्री नागचन्द्रेश्वर का मंदिर प्रतिष्ठापित है।

श्री नागचन्द्रेश्वर मंदिर में 11 वीं शताब्दीं की एक अद्भुत प्रतिमा स्थापित है। प्रतिमा में नागचन्द्रेश्वर स्वयं अपने सात फनों से सुशोभित हो रहे है। साथ में शिव पार्वती के दोनों वाहन नंदी एवं सिंह भी विराजित है। मूर्ति में श्री गणेश की ललितासन मूर्ति, उमा के दांयी ओर श्री कार्तिकेय की मूर्ति व उपर की ओर सूर्य- चन्द्रमां भी अंकित है। इस प्रकार श्री नागचन्द्रेश्वर की मूर्ति अपने आप में भव्य एवं कलात्मकता का उदाहरण है। भगवान के गले और भुजाओं में भुजंग लिपटे हुए है। कहते हैं कि यह प्रतिमा नेपाल से यहां लाई गई थी। ऐसी मान्यता है कि उज्जैन के अलावा दुनिया में कहीं भी ऐसी प्रतिमा नहीं है।

इस प्रतिमा के दर्शन के उपरांत अंदर प्रवेश करने पर श्री नागचन्द्रेश्वर की मुख्य प्रतिमा (शिवलिंग) के दर्शन होते है। मंदिर के पट खुलने के बाद विशेष पूजा -अर्चना होती है। नागपंचमी पर्व पर भगवान श्री नागचन्द्रेश्वर की त्रिकाल पूजा होती है।

Spread the word