105 वर्षीय बुजुर्ग और उनकी 95 वर्षीय पत्नी ने कोरोना को दी मात
मुम्बई से नरेन्द्र मेहता
*सबसे ज्यादा कोरोना प्रभावित महाराष्ट्र से राहत की खबर, नए मामलों की संख्या में बड़ी गिरावट
मुंबई 27 अप्रैल: कोरोना वायरस के मामलों को रोकने के लिए महाराष्ट्र की उद्धव सरकार लंबे समय से लगी हुई थी। इसके तहत सरकार ने राज्य में नाइट कर्फ्यू, मिनी लॉकडाउन और फिर पूर्ण लॉकडाउन वाले ब्रेक द चेन जैसी पाबंदियों को लागू किया।इन पाबंदियों का असर अब दिखने लगा है।
राज्य में पिछले 24 घंटों में कोरोना के सिर्फ 48,700 नए मामले सामने आए हैं, जबकि पिछले कई दिनों से यह संख्या रोजाना 60 हजार से ज्यादा जा रही थी। रविवार को मृतकों का आंकड़ा 800 के पार पहुंचने के एक दिन बाद ही मरने वालों की संख्या भी कम हो गई है। उधर, मुंबई में भी बीते एक दिन में सिर्फ 3,876 नए केस सामने आए हैं।
इस बीच महाराष्ट्र के काटगांव के टांडा गांव के रहने वाले एक बुजुर्ग दंपति ने 9 दिन अस्पताल में आईसीयू में रहने के बाद भी कोरोना वायरस को मात दे दी है। 105 वर्षीय धेनु चव्हाण और 95 वर्षीय मोटाबाई कोरोना वायरस से ठीक हो गए हैं। कोरोना वायरस से जूझ रहे ये दोनों बुजुर्ग लातूर के विलासराव देशमुख इंस्टीट्यूट ऑफ मेडिकल साइंसेज के आईसीयू में 9 दिन भर्ती थे। इनका इलाज करने वाले डॉक्टरों ने कहा कि इन दोनों 100 के पार बुजुर्ग ने कोरोना वायरस को हरा दिया है। इस बुजुर्ग दंपति के बेटे सुरेश चव्हाण ने कहा है कि जब वो अपने कोविड पॉजिटिव माता-पिता के लिए अस्पताल की तलाश कर रहे थे तो गांव में उनके पड़ोसियों ने आगाह किया था कि इतने उम्र में जो कोई भी कोविड अस्पताल जाता है वह घर वापस नहीं आता है। बेटे ने कहा है कि माता-पिता ने कोरोना से ठीक होकर सबको गलत साबित कर दिया है।
बेटे सुरेश चव्हाण ने कहा, “मेरे माता-पिता बहुत डरे हुए थे और इसलिए मैं भी डरा हुआ था, लेकिन मुझे पता था कि उन्हें घर पर रखना एक गलत फैसला होगा।”
बुजुर्ग दंपति का इलाज करने वाले डॉक्टर डॉ. गजानन हल्कंचे ने कहा, ”उनका सीटी स्कोर 15/25 था, जो उनकी उम्र को देखते हुए एक चिंता का विषय था। वे दोनों ऑक्सीजन सपोर्ट पर थे। उन्हें एंटीवायरल रेमेडिसविर इंजेक्शन की पांच खुराक दी गई थी।”